देहरादून: कार दुर्घटना में घायल हुए भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की हालत में काफी सुधार है। देहरादून के मैक्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। गत दिवस उन्हें आइसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया था।
पिछले 24 घंटे के अंतराल में दर्द में पहले से कुछ राहत है, पर टखने व घुटने की एमआरआइ चौथे दिन भी नहीं हो पाई है। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि दर्द व सूजन कम होने पर ही एमआरआइ की जाएगी।
ऋषभ का हाल जानने अस्पताल पहुंचे राजन व निशु
शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे नारसन में कार हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए क्रिकेटर ऋषभ पंत की राजन और निशु नाम के दो लड़कों ने मदद की थी।
इन दोनों लड़कों को तब ये मालूम नहीं था कि वे किसकी जान बचा रहे हैं। वह दोनों तब ऋषभ को पहचान नहीं पाए थे। ये दोनों लड़के भी मैक्स अस्पताल पहुंचे। राजन ने बताया कि दुर्घटना के बाद हमने जब उन्हें देखा तो उनकी हालत काफी गंभीर थी।
कार हादसे में ऋषभ के शरीर के कई हिस्सों में चोट आई
क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार शुक्रवार सुबह दुघर्टनाग्रस्त हो गई थी। भीषण कार हादसे में ऋषभ के शरीर के कई हिस्सों में चोट आई है। उनके माथे पर दो कट हैं, जिनकी प्लास्टिक सर्जरी हुई है। वहीं दाहिने घुटने का लिगामेंट फट गया। दाहिनी कलाई, टखना, पैर के अंगूठे व शरीर के पिछले हिस्से में भी रगड़ है।
मैक्स अस्पताल के हड्डी रोग, स्पाइन, न्यूरो, प्लास्टिक सर्जन व अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम उनका उपचार कर रही है। खाने में उन्हें अभी हल्की डाइट दी जा रही है। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट आदि ने भी अस्पताल पहुंचकर उनका हाल जाना। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ऋषभ के स्वास्थ्य में काफी सुधार है।
मिलने वालों की भीड़ बढ़ा रही मुश्किल
मैक्स अस्पताल में भर्ती ऋषभ पंत को पर्याप्त आराम नहीं मिल पा रहा है। इसका कारण है उनका हाल जानने के लिए हर दिन अस्पताल पहुंच रही मुलाकातियों की भीड़। जिसे देखते हुए अस्पताल के चिकित्सकों ने भी अपील की है कि ऋषभ को आराम करने दिया जाए, ताकि उनकी रिकवरी जल्द हो सके।
उनके स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे मेडिकल टीम के एक सदस्य का कहना है कि यह महत्वपूर्ण है कि ऋषभ को आराम करने के लिए पर्याप्त समय मिले। शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें आराम की जरूरत है। दुर्घटना में लगी चोटों के कारण वह अभी भी दर्द में हैं। आगंतुकों से बात करने से उनकी ऊर्जा खत्म हो जाती है। जबकि इस ऊर्जा को तेजी से ठीक होने के लिए उपयोग में लाना चाहिए।