छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : नक्सलगढ़ में 121 की स्पीड से दौड़ी ट्रेन, भानुप्रतापपुर से अंतागढ़ तक अब बढ़ेगी यात्री ट्रेन की गति, सफल रहा ट्रायल, रेलवे लाइन हुई अपग्रेड

कांकेर I कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर से अंतागढ़ तक यात्री ट्रेन की स्पीड बढ़ाने को लेकर गुरुवार को किया गया ट्रायल सफल रहा। यात्री ट्रेन की स्पीड बढ़ाने को लेकर मरोदा से अंतागढ़ तक ट्रेन के इंजन को दो बोगी के साथ 121 की स्पीड से दौड़ाया गया। मरोदा से अंतागढ़ तक रेलवे लाइन को अपग्रेड कर दिया गया है, जिसके बाद 5 जनवरी को इसका ट्रायल किया गया। हालांकि इसका ट्रायल 4 जनवरी को ही होना था, लेकिन घने कोहरे के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

2018 में भानुप्रतापपुर तक रेल सेवा शुरू की गई थी, जबकि अंतागढ़ तक ट्रेन 2022 में पहुंची है। अब रेलवे लाइन को अपग्रेड कर ट्रेन की स्पीड बढ़ाने का काम भी पूरा कर लिया गया है। अब यात्रियों के लिए अंतागढ़ तक ट्रेन का सफर और भी सुविधाजनक होने वाला है। रेलवे के मुताबिक ट्रायल सफल होने के बाद अब जल्द ही यात्री ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने का काम शुरू हो जाएगा।

सफल ट्रायल के बाद जल्द बढ़ेगी यात्री ट्रेनों की रफ्तार

भानुप्रतापपुर के स्टेशन मास्टर जेके राव ने बताया कि ट्रेन की स्पीड बढ़ाने की एक प्रक्रिया होती है। पहले इंजन की कुछ बोगी के साथ ट्रायल किया जाता है, ताकि अगर रेलवे लाइन में किसी तरह की दिक्कत हों तो वो क्लीयर हो जाए। ट्रायल सफल रहने के बाद अब ट्रेन की स्पीड बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी होगी और जल्द ही अंतागढ़ तक 121 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्री ट्रेन दौड़ेगी।

रावघाट तक रेलवे लाइन का काम जारी

रावघाट परियोजना के तहत अब अंतागढ़ से आगे रावघाट तक रेलवे लाइन का काम जारी है। नक्सली इलाका होने के कारण यहां रेलवे लाइन के लिए कई कैंप भी स्थापित किए गए हैं। एसएसबी के जवानों की सुरक्षा में रेलवे लाइन का काम तेज गति से जारी है। फिलहाल इस लाइन का अंतिम स्टेशन अंतागढ़ है, जहां अब यात्री ट्रेनें 121 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी।

5 महीने पहले अंतागढ़ से चली थी पहली ट्रेन

कांकेर जिले के अंतागढ़ से रायपुर-दुर्ग तक 5 महीने पहले पैसेंजर ट्रेन शुरू हुई थी। सांसद मोहन मंडावी ने अंतागढ़ रेलवे स्टेशन से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। निर्धारित समय के तहत दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर ट्रेन को रायपुर और दुर्ग के लिए रवाना किया गया था। इस ट्रेन से पहली बार 215 यात्रियों ने रायपुर तक सफर किया था। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में इलाके के लोग, जनप्रतिनिधि समेत अफसर मौजूद थे। सांसद मोहन मंडावी ने कहा था कि अंतागढ़-रायपुर/दुर्ग पैसेंजर ट्रेन की शुरुआत कर दी गई है। इस ट्रेन के शुरू होने से इलाके के लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा।

इसलिए लेट शुरू हुई थी ट्रेन

दरअसल, रावघाट रेल परियोजना के तहत दल्लीराजहरा से रावघाट तक 95 किमी रेल लाइन बिछाने का काम शुरू होने के बाद रेल लाइन साल 2017 में गुदुम पहुंच गई थी। साथ ही साल 2018 में भानुप्रतापपुर तक रेल लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया था। जिसके बाद आगे केंवटी तक पटरियां बिछाने का काम थोड़ी धीमी गति से शुरू हुआ। हालांकि साल 2019 में अंतागढ़ तक रेलवे लाइन बिछानी थी, लेकिन 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण प्रोजेक्ट का काम प्रभावित होने लगा। यहीं से काम की रफ्तार धीमी होनी शुरू हुई थी।

लंबे इंतजार के बाद मिली राहत

अगस्त 2021 में अंतागढ़ तक रेल लाइन बिछाने के बाद टेस्टिंग का भी काम पूरा हो गया था। फिर विभागीय लेटलतीफी के चलते पैसेंजर ट्रेन का लाभ लेने के लिए लोगों को 2022 तक का इंतजार करना पड़ा। अब 3 साल बाद अंतागढ़ स्टेशन में पहली पैसेंजर ट्रेन पहुंचेगी। 13 अगस्त से रेल मार्ग के माध्यम से अंतागढ़ रायपुर से जुड़ गया।