छत्तीसगढ़

बिलासपुर : वो स्कूल जहां से पढ़कर निकले एक दर्जन से अधिक IAS व IPS अफसर

बिलासपुर। बिलासपुर के गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल दयालबंद से एक दर्जन से अधिक आइएएस व आइपीएस अफसर पढ़कर निकले है। इस स्कूल में आज भी अनुशासन की झलक देखने को मिल जाती है। यहां अध्यापक से लेकर बच्चे तक समय के एकदम पाबंद हैं। सख्त अनुशासन और समय की पाबंदी के बीच इस स्कूल में शिक्षकों द्वारा छात्रों को पढ़ाने का तरीका एकदम अनोखा है। शायद यहीं कारण है कि यहां के सभी छात्राओं में पढ़ाई की लगन देखने को मिल जाती है।

पढ़ाने का अनोखा अंदाज

इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का एक अनोखा अंदाज है। बता दें कि शिक्षक जब तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो जाते हैं तब तक आगे की पढ़ाई नहीं कराई जाती हैं। पढ़ाने के इस अनोखे अंदाज के ही कारण इस स्कूल ने अविभाजित मध्य प्रदेश को दो दर्जन से अधिक आइएएस और आइपीएस अफसर के अलावा चिकित्सक और इंजीनियर दिए हैं। यहीं नहीं इस स्कूल से पढ़कर निकले राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और सिविल सेवा के अफसर भी प्रदेश और देश की सेवा कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव भी रह चुके छात्र

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव आरपी मंडल ने भी गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी से अपनी पढ़ाई पूरी की। 9वीं कक्षा से हायर सेकेंडरी तक की पढ़ाई उन्होंने इसी सकूल से पूरी की। उस दौर में गणित, विज्ञान, भौतिकी और रसायन के चुनिंदा शिक्षक हुआ करते थे। इस स्कूल में भी गुरूकुल की ही तरह पढ़ाई कराई जाती है। अनुशासन इतना कड़ा की अगर शिक्षक सवाल पूछे और छात्रों की तरफ से जवाब न आए तो दंड मिलना तय रहता था। इसी का परिणाम है कि आज ये छात्र देश का नाम रौशन कर रहे हैं।

ब्रिटिश गवर्नमेंट के दौर में शुरू हुआ था स्कूल

बता दें कि जब गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना हो रही थी तब ब्रिटिश की सरकार सत्ता पर राज कर रही थी। वर्ष 1902 यह स्कूल स्थापित हुआ। बता दें कि उस दौर में अविभाजित बिलासपुर जिले में यह इकलौता स्कूल स्थापित किया गया था। बच्चों का एडमिशन तो दूर की बात इस स्कूल में प्रवेश करने का भी मापदंड बेहद कठिन था। स्कूल में प्रवेश से पहले बच्चों का इंटरव्यू हुआ करता था, जिसमें पास होना काफी जरूरी होता था। बच्चों के पास होने के बाद ही स्कूल में प्रवेश की अनुमति दी जाती थी। पढ़ाई जहां उच्च स्तर की होती थी तो वहीं फीस नाममात्र ही होती थी।

इस स्कूल के छात्र कर रहे देश का नाम रोशन

गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल का नाम देश से लेकर विदेशों तक में रोशन हो रहा हैं। यहां के बाल वैज्ञानिक अटल कृषि यंत्र का आविष्कार कर रहे है। नीति आयोग ने पेटेंट भी करा दिया है। नवाचार करने वाले बाल विज्ञानियों को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित भी किया गया है। बता दें कि कोरोना संक्रमणकाल में जब देशभर में स्कूल बंद थे तब बाल विज्ञानी नवाचार को अंजाम दे रहे थे। बता दें कि गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल को अपग्रेड कर स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल में तब्दील कर दिया गया है।