छत्तीसगढ़

कंझावला कांड: दरिंदगी की इंतेहा! पता होने के बावजूद 12 किमी तक घसीटी अंजलि की लाश, आरोपियों का कबूलनामा

नईदिल्ली I कंझावला केस में आरोपियों ने दरिंदगी की हर हद पार कर दी है. इस मामले में अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक गाड़ी में बैठे आरोपियों ने कबूल किया है कि घटना के कुछ देर बाद ही पता चल गया था कि लड़की की बॉडी गाड़ी में फंसी हुई है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपियों ने इसलिए बॉडी नहीं निकाली क्योंकि उन्हें डर था कि अगर किसी ने उन्हें बॉडी निकालते हुए देख लिया तो वो फंस सकते हैं, इसलिए आरोपियों ने सोचा कि चलती गाड़ी से बॉडी अपने आप निकल जाएगी.

यानी कि इन आरोपियों को अच्छी तरह मालूम था कि इनकी गाड़ी में एक लाश लटकी हुई है और फंसने के डर के कारण उन्होंने लाश को कई किलोमीटर तक घसीटना सही समझा. आरोपियों ने खुद अपना गुनाह पुलिस के आगे कबूल कर लिया है. अब तक इस मामले में एकाएक ऐसे खुलासे हो रहे हैं जिससे लोगों का रोष और बढ़ता जा रहा है.

अंकुश खन्ना को मिली जमानत 

दिल्ली की एक अदालत ने कंझावला मामले में आरोपियों का कथित तौर पर बचाव करने वाले अंकुश खन्ना को शनिवार को जमानत दे दी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने आत्मसमर्पण करने वाले खन्ना को यह देखते हुए जमानत दे दी कि उसके खिलाफ लगे आरोप जमानती हैं.आरोपी को 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है. 

न्य ईयर के जश्न के बीच हुआ था हादसा

दरअसल, 31 दिसंबर-1 जनवरी के बीच की रात कंझावला की सड़क पर जो कुछ हुआ वो एक बेहद दर्दनाक हादसा था. अंजलि रविवार की रात एक समारोह से अपनी स्कूटी से घर लौट रही थी. तभी उसका एक्सीडेंट हो गया और आरोपी लाश से लटकती कार को करीब 12 किलोमीटर तक दौड़ाते रहे. अब आरोपियों ने यह भी कबूल कर लिया है कि उन्हें कार में लाश लटके होने के बारे में पहले से पता था.