नईदिल्ली I चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है। इस जानलेवा महामारी से रोकथाम के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई जा रही है। लेकिन इन सब के बीच यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने एक ऐसी जानकारी दी है जो कि चिंताजनक है।
दरअसल, अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर इंक और जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के अपडेटेड बाइवेलेंट कोविड-19 शॉट से बुजुर्गों में ब्रेन स्ट्रॉक का खतरा हो सकता है। हालांकि, फिर भी सीडीसी ने लोगों को वैक्सीन लेते रहने की सलाह दी है।
सबसे पहले समझें क्या है बाइवेलेंट वैक्सीन?
बता दें कि बाइवेलेंट वैक्सीन वह होती है जो मूल वायरस के स्ट्रेन के कंपोनेंट और ऑमिक्रॉन वैरिएंट के एक कंपोनेंट को मिलाकर बनाई जाती है। इससे संक्रमण के खिलाफ ज्यादा सुरक्षा मिलती है। इन दो कंपोनेंट को के इस्तेमाल के कारण ही इसे बाइवेलेंट वैक्सीन कहा जाता है।
65 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए खतरा
सुरक्षा निगरानी प्रणाली ने कहा कि एक सीडीसी वैक्सीन डेटाबेस ने एक संभावित सुरक्षा मुद्दे को उजागर किया था जिसमें 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को 22-44 दिनों की तुलना में फाइजर/बायोएनटेक बाइवेलेंट शॉट प्राप्त करने के 21 दिनों के बाद इस्केमिक स्ट्रोक होने की अधिक संभावना थी। बता दें कि इस्कीमिक स्ट्रोक मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी को रक्त पहुंचाने वाली किसी रक्त वाहिका में किसी अवरोध (थक्के या एम्बोलाइ) के कारण होते हैं।
वैक्सीन कंपनी ने जारी किया बयान
फाइजर और बायोएनटेक ने एक बयान में कहा कि उन्हें टीकाकरण के बाद 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों में इस्केमिक स्ट्रोक की सीमित रिपोर्ट के बारे में अवगत कराया गया है। कंपनियों ने कहा कि न तो फाइजर और बायोएनटेक और न ही सीडीसी या एफडीए ने अमेरिका और विश्व स्तर पर कई अन्य निगरानी प्रणालियों में समान निष्कर्षों को देखा है। यह निष्कर्ष निकालने के लिए कोई पर्याप्त सबूत नहीं है कि इस्कीमिक स्ट्रोक कोरोना वैक्सीन देने से जुड़ा है।