नई दिल्ली। भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल ने बुधवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे में दोहरा शतक जमाकर इतिहास रच दिया। गिल दोहरा शतक जमाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बने। गिल ने हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर केवल 149 गेंदों में 19 चौके और 9 छक्के की मदद से 208 रन बनाए।
शुभमन गिल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ धुआंधार पारी खेली, जिसके बाद उन्हें ‘सुपरमैन गिल’ भी कहा जा रहा है। शुभमन गिल ने अपनी पारी के दौरान कई रिकॉर्ड्स बनाए। वो वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज बने। शुभमन गिल दोहरा शतक जमाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बने। वो सबसे कम पारियों में तीन वनडे शतक जमाने वाले भारतीय ओपनर बने। न्यूजीलैंड के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत वनडे स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी शुभमन गिल ने अपने नाम किया।
पिता का मास्टर प्लान
रिकॉर्ड्स के शहंशाह बने शुभमन गिल के क्रिकेटर बनने की कहानी बेहद रोमांचक है। लोग भी जानने को बेकरार हैं कि कैसे एक साधारण किसान का बेटा इतनी बड़ी रन मशीन बन गया? बता दें कि शुभमन गिल ने 4 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। पंजाब के फाजिल्का जिले में चक खेरेवाला गांव में जन्मे शुभमन गिल बचपन में अपने पिता के साथ क्रिकेट खेला करते थे।
जब गिल बड़े हुए तो अपने बेटे के खेल को और ज्यादा निखारने के लिए उनके पिता ने एक बेहतरीन प्लान बनाया। दरअसल, उन्होंने अपने खेत को मैदान के रूप में इस्तेमाल किया और शर्त रखी कि जो भी शुभमन गिल को आउट करेगा उसे वह 100 रुपये ईनाम देंगे।
एकेडमी के लिए परिवार ने किया समझौता
कई साल टेनिस बॉल से खेलने वाले शुभमन गिल का परिवार जब जलालाबाद गया, तब पहली बार इस खिलाड़ी का सामना लैदर गेंद से हुआ। शुभमन ने काफी समय तक एक छोटे से स्कूल से ट्रेनिंग ली, लेकिन अभी भी काफी ऐसी चीजें थी जो उन्हें सीखनी थी। इसके लिए पिता ने शुभमन को चंडीगढ़ भेजा और मोहाली स्टेडियम के पीछे एक एकेडमी में उनका दाखिला करा दिया। गिल को खेलने के लिए ज्यादा समय मिल पाए, इस वजह से उनका परिवार भी किराए के एक मकान में आकर वहीं बस गया।
घावरी की पड़ी नजर
शुभमन गिल रोजाना सुबह 3.30 बजे उठते और 4 बजे एकेडमी पहुंच जाते। दिनभर अभ्यास करने के बाद वह शाम को घर लौटते थे। इसके बाद भी एकेडमी में शाम का सेशन देखने के लिए वह अपने पिता के साथ वहां जाते थे। एक दिन इसी एकेडमी में टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी यहां यंग टैलेंट की पहचान करने आए। वह यहां एक तेज गेंदबाज की तलाश में आए थे, लेकिन उन्हें शुभमन गिल के रूप में मिला एक ऐसा नायाब हीरा, जिसने थोड़े ही समय में क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया।
घरेलू क्रिकेट में मचाया तहलका
शुभमन गिल को लगातार अभ्यास का फायदा मिला और रन बनाते-बनाते वो घरेलू क्रिकेट में बड़ा नाम बन गए। पंजाब के लिए खेलते हुए अंडर-16 की विजय मर्चेंट ट्रॉफी में उन्होंने पहली बार दोहरा शतक जड़ा। इसके लिए उन्हें बीसीसीआई की तरफ से बेस्ट जूनियर क्रिकेट के अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके बाद शुभमन गिल को अंडर-19 टीम में खेलने का मौका मिला और टीम इंडिया (जूनियर) ने विश्व कप जीता। एक छोटे से गांव में सिमटने वाले टैलेंट को पूरी दुनिया ने देखा।
अब क्रिकेटर शुभमन गिल ने दोहरा शतक जमाकर अपने सपने को साकार किया है। फैंस को उम्मीद है कि शुभमन गिल भारत का भविष्य हैं और आगामी विश्व कप में भारत को खिताबी जीत दिलाने में मदद करेंगे।