नई दिल्ली। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव के साथ 44 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पुलिस के मुताबिक यादव से उनके पूर्व मैनेजर व दोस्त ने नागपुर में जमीन दिलाने के नाम पर ठगी की है। रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उमेश यादव की शिकायत के बाद पुलिस ने नागपुर में रहने वाले शैलेश ठाकरे के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है।
शैलेश ठाकरे कोराडी के रहने वाले हैं और वो उमेश के दोस्त थे। शैलेश की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस अधिकारी ने एफआईआर के हवाले से जानकारी दी कि उमेश यादव ने भारतीय टीम में चुने जाने के बाद अपने बेरोजगार दोस्त शैलेश ठाकुर को 15 जुलाई 2015 को मैनेजर बनाया था। ठाकरे ने समय के साथ उमेश का विश्वास जीता। तेज गेंदबाज के बैंक खाते और आयकर सहित पैसों से जुड़े काम शैलेश ने देखना शुरू कर दिए।
पुलिस ने जानकारी दी कि उमेश यादव नागपुर में जमीन खरीदना चाहते थे और इसकी सूचना उन्होंने शैलेश को दी। ठाकरे ने एक बंजर इलाके में प्लॉट देखा और उमेश को बताया कि यह 44 लाख रुपये में मिल जाएगा। उमेश यादव ने पैसा ठाकरे के खाते में जमा करा दिए। मगर ठाकरे ने यह प्लॉट अपने नाम पर खरीद लिया।
उमेश यादव को जब इस धोखाधड़ी का पता चला तो उन्होंने शैलेश ठाकरे से पैसे लौटाने को कहा। जवाब में शैलेश ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। अधिकारी ने बताया कि शैलेश ने भारतीय क्रिकेटर को पैसा लौटाने से मना कर दिया। अधिकारी ने कहा, ‘तेज गेंदबाज उमेश यादव ने कोराडी में प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें आईपीसी की धारा 406 और 420 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।’