बिलासपुर : छत्तीसगढ़ी फिल्मों ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाना शुरू कर दिया है। स्वीडन के स्टॉकहोम सिटी फिल्म फेस्टिवल में ‘किरण’ को बेस्ट एलजीबीटी सम्मान से नवाजा गया है। स्वीडन में अंतरराष्ट्रीय सम्मान पाने वाली यह पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म है। इस फिल्म में एक थर्ड जेंडर बच्चे के संघर्ष की कहानी को दिखाया गया है। उसके थर्ड जेंडर होने का पता चलने पर माता-पिता घर से निकाल देते हैं।
अन्य अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल में भी भेजने की योजना
बिलासपुर में फिल्म के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता अखिलेश पांडे ने बताया कि हर फिल्म फेस्टिवल में एलजीबीटी अवार्ड को लेकर एक कैटेगरी अलग बनाई जाती है। इसी कैटेगरी में फिल्म किरण का भी चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बात का प्रयास है कि आने वाले दिनों में यह फिल्म और भी अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में चयनित हो सके। उन्होंने फिल्म की सफलता का श्रेय अपनी पूरी टीम को दिया है।
छत्तीसगढ़ी फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास
अखिलेश पांडे ने बताया कि फिल्म से जुड़े सभी कलाकारों ने बहुत ही शिद्दत से काम किया था। इसी वजह से यह फिल्म अवार्ड जीत सकी है। उन्होंने फिल्म के कार्यकारी निर्देशक सावन वर्मा और संपादक दरस विश्वकर्मा के कार्यों की भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि, इस फिल्म के माध्यम से छत्तीसगढ़ी फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। कोशिश है कि वह सफल हो सके।
इन कलाकारों ने निभाई भूमिका
इस फिल्म मे मुख्य भूमिका अखिलेश पांडे, संजय श्रीवास्तव, किरण सिंह, आरसी गुप्ता, आनंद तांबे, डॉक्टर आरती पांडे, संजय दुबे, डॉक्टर अरुण पटनायक, डॉक्टर नत्थू लाल पटेल, डॉ अंजू शुक्ला सहित अन्य कलाकारों ने बेहतर अभिनय किया है। फिल्म के कार्यकारी निर्देशक मुंबई के सावन वर्मा, कास्टिंग डायरेक्टर मनमोहन पात्रे, प्रोडक्शन मैनेजर अभिषेक गौतम और संपादन दरस विश्वकर्मा का है।