छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : आरक्षण मुद्दे पर पूर्व सीएम ने कहा, 58 प्रतिशत के आरक्षण को हाईकोर्ट ने रोका, 76 प्रतिशत कैसे होगा वैध, सीएम ने कसा तंज

रायपुर। आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर न करने के मामले को लेकर हाई कोर्ट की ओर से राज्यपाल अनुसुइया उईके को जारी नोटिस पर राजनीतिक टकराव बढ़ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर ही आरक्षण रुका है। 58 प्रतिशत के आरक्षण को हाईकोर्ट ने ही रोका है, फिर तो 76 प्रतिशत कैसे वैध होगा। सवाल इसी में था।

पूर्व मुख्‍यमंत्री रमन सिंह के इस बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए पलटवार किया है। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा, 56..56…56….56…क्या है 56? “जगत प्रवक्ता” डॉ रमन सिंह जी! यहां बात मोदी जी के स्वघोषित सीने के नाप की नहीं बल्कि आरक्षण की हो रही है। पूर्व में आरक्षण 58 प्रतिशत था, ना कि 56 प्रतिशत और अभी 76 प्रतिशत आरक्षण प्रस्तावित है ना कि 82 प्रतिशत।

क्या कर्नाटक के आरक्षण विधेयक में भी डा रमन सिंह का यही ख्याल है ? क्या जनता सही कह रही है कि भाजपा कार्यालय ही अब “राजभवन संचालन केन्द्र” बन गया है?

अगर यह संभव नहीं था तो विधानसभा में उनके द्वारा उक्त आधार पर विधेयक के विरोध में मत क्यों नहीं दिया गया? राज्यपाल उच्च न्यायालय की नोटिस का जवाब देंगी या नहीं देंगी अथवा क्या जवाब देंगी, यह डॉ रमन सिंह कैसे जानने लगे?जब विधानसभा द्वारा नवीन आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति (भाजपा सहित) से पारित किया गया तब क्या विधानसभा में 76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक को मंजूरी देते समय रमन सिंह जी को यह जानकारी नहीं थी कि पूर्व में 56 प्रतिशत आरक्षण प्रावधान निरस्त किया गया था तब 76 प्रतिशत आरक्षण कैसे संभव होगा?