छत्तीसगढ़

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में अडानी को लेकर कांग्रेस-भाजपा में रार, राहुल का वार और भाजपा का पलटवार

नई दिल्ली। तीन दिनों के गतिरोध के बाद मंगलवार को सदन में चर्चा तो शुरू हुई लेकिन राष्ट्रपति अभिभाषण के विषय की बजाय कांग्रेस और भाजपा के बीच अडानी को लेकर रार छिड़ गई और एक दूसरे पर तीखे आरोप लगाए गए। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने मोर्चा संभाला और 2014 में दुनिया के अमीरों की सूची में 609वें नंबर पर रहे अडानी के आठ साल में ही दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन जाने की पीछे का जादू सरकार का हाथ है और तंज किया कि ऑक्सफोर्ड जैसे संस्थानों को राजनीतिक रिश्ते के जरिए कारोबार को ऐसी छलांग देने के इस मॉडल का अध्ययन करना चाहिए।

माल्या, चौकसी जैसे लोग भी कांग्रेस काल की ही उपज

भाजपा की ओर से स्मृति ईरानी, निशिकांत दुबे, रविशंकर प्रसाद जैसे नेताओं ने अमेठी में 40 एकड़ जमीन पर परिवार के कब्जे के आरोप समेत यह भी कहा कि वस्तुत: अडानी को बढ़ाने वाले में कांग्रेस ही पहले थी।

बल्कि भ्रष्टाचार कर देश छोड़ने वाले माल्या, चौकसी जैसे लोग भी कांग्रेस काल की ही उपज हैं। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से विपक्ष अडानी के बहाने सरकार को घेरने की कवायद में जुटी थी। पहले से तय था कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा होगी तो कांग्रेस अडानी पर ही बोलेगी और सरकार के साथ उसके कदमताल को साबित करने की कोशिश करेगी। हुआ भी यही।

सरकार ने प्रमुख हवाई अड्डों को अडानी समूह को दिया: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि तमिलनाडु से कश्मीर तक हर जगह अडानी-अडानी का नाम सुनाई दे रहा है और वे जिस बिजनेस में घुसते हैं सफल हो जाते हैं। चर्चा को और तीखा बनाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी नाम घसीटा और कहा कि अडानी समूह को रक्षा क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद भारत-इजरायल के रक्षा कारोबार का 90 फीसद हिस्सा उन्हें सौंप दिया गया।

सत्तापक्ष की ओर से राहुल के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया और शोर शराबे के बीच राहुल ने कहा कि पीएम के ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद एसबीआई ने अडानी को एक अरब डालर का कर्ज तुरंत दे दिया। अडानी समूह को बिजली का कांट्रेक्ट बांग्लादेश में इसी तरह मिला।

अग्निवीर स्कीम को राहुल ने सेना पर थोपने का आरोप लगाया

राहुल ने सरकार पर नियमों में बदलाव कर छह प्रमुख हवाई अड्डों को अडानी समूह को देने की जब बात उठाई तो रिजिजु समेत भाजपा के तमाम सांसदों ने उन पर तीखा हमला बोलते हुए इसे सदन के रिकार्ड से निकालने की मांग उठाई।

राहुल ने अग्निवीर स्कीम को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की सलाह पर सेना पर थोपे जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सेना के अंदर के लोग इसे सही नहीं मान रहे। द्रमुक की कनीमोरी, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी के साथ कई अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी अदाणी विवाद को लेकर सरकार पर सवाल उठाया और अभिभाषण की आलोचना की।

भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी जिस अडानी की बात कर रहे हैं, उन्हें किसने बनाया। विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी सब कांग्रेस की देन हैं। अडानी को भी 2010 में कोयला खदानों का ठेका दिया गया था। उस समय कांग्रेस के नेतृत्व वाली मनमोहन सिंह की सरकार थी।

निशिकांत ने कहा कि अडानी ने प्रगति के लिए राहुल गांधी का रास्ता चुना है। नेशनल हेराल्ड का मामला सामने है। 50 लाख की एक कंपनी को 90 करोड़ का कर्ज दे दिया गया। स्पष्ट है वह घोटाला था। इसी मामले में राहुल जमानत पर हैं। निशिकांत ने कहा कि वह जितने आरोप लगा रहे हैं, अगर एक भी गलत साबित हुआ तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।

स्मृति ने राहुल गांधी को अमेठी के अखाड़े में कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की और कहा कि वहां 40 एकड़ जमीन का जादू हुआ है। यह जमीन मेडिकल कालेज के लिए ली गई और फिर वहां परिवार ने गेस्ट हाउस बना दिया। उन्होंने परोक्ष रूप से राहुल पर तंज करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त अनाज की बात की गई है जिसमें से 18 लाख लोग अमेठी में रहते हैं लेकिन उन्हें इससे क्या लेना।

चीन ने राहुल को दिया पैसा 

सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी से आशा थी कि पहली बार आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान वह तथ्यों पर बात करेंगे, लेकिन निराधार आरोप लगा रहे हैं। रविशंकर ने कहा कि राहुल और उनकी मां जमानत पर हैं। नेशनल हेराल्ड घोटाले में राजीव के नाम जो ट्रस्ट है, उसमें चीनी दूतावास ने भी पैसा दिया है। चीन ने राहुल को भी पैसा दिया है।

रविशंकर ने प्रियंका वाड्रा के पति राबर्ट वाड्रा के बारे में कहा कि राहुल को अपनी स्मरण शक्ति को ठीक करने की जरूरत है। उनके जीजा जी के डीएलएफ घोटाला में क्या हुआ। कैसे 65 करोड़ का ब्याज रहित ऋण मिल गया और जमीन भी मिल गई। सस्ती जमीन खरीदी और बाद में दाम बढ़ाकर बेच दिया।