छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : ठंड से बचने जलाई गई आग से जल गया घर, बुजुर्ग की मौत, पति झुलसा

अंबिकापुर : अंबिकापुर नगर से लगे कांतिप्रकाशपुर में बीती रात खाना बनाने के लिए लगाई गई आग के फैलने से घर में सो रही बुजुर्ग की जलकर मौत हो गई, वहीं उसका पति भी झुलस गया। आसपास के लोगों ने जलते हुए बुजुर्ग को बचा लिया। उसे मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

एएसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि ग्राम कांतिप्रकाशपुर में जगमोहन तुरिया (63) अपनी पत्नी धनेश्वरी इंदवार ( 62) के साथ रहता था। उसके घर में उसका पुत्र सूरज, पुत्रवधु सहित पोता-पोती भी रहते हैं। जगमोहन और धनेश्वरी घर के अलग रहते हैं और अपने कमरे में ही खुद अपना खाना बनाते खाते थे।

वो बांस की टोकनी, सूप आदि बनाने और बेचने का काम करते थे। बुधवार की रात घर में बुजुर्ग दंपती अकेले थे। उनका पोता दूसरे कमरे में था। अन्य परिजन रिश्तेदारी में गए हुए थे। रात में नौ बजे के करीब धनेश्वरी ने खाना बनाया। खाना खाकर पति-पत्नी सो गए। 

कमरे में बांस का सामान और लकड़ी काफी मात्रा में रखी हुई थी, जिसे जलाकर पति-पत्नी खाना बनाते थे और आग तापते थे। रात के करीब 10 बजे उनके कमरे से धुआं उठता देख पड़ोसियों ने शोर मचाया। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। ग्रामीणों ने मिलकर आग बुझाई। 

आग की लपटों के बीच ही ग्रामीण जब बुजुर्ग दंपती के कमरे की तरफ ग्रामीण गए तो वहां पर जगमोहन उन्हें दिखाई दिया, जिसे ग्रामीणों ने बाहर निकाला, लेकिन धनेश्वरी पूरी तरह से आग से घिर चुकी थी। आग बुझने के बाद जब ग्रामीणों ने उसे देखा तो जलने से उसकी मौत हो गई थी। 

घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। झुलसे जगमोहन तुरिया को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल किया गया है। सूखे बांस और लकड़ी से आग  फैल गई। 

ग्रामीणों ने बताया कि जगमोहन तुरिया और उसकी पत्नी एक छोटे कमरे में रहते थे, जहां काफी मात्रा में सूखे बांस एवं लकड़ियां रखी थीं। उन्होंने ठंड से बचने के लिए चूल्हे की आग में लकड़ी डाल दी और सो गए थे। आग चूल्हे से फैलकर सूखे बांस एवं लकड़ियों में फैल गई और घर में आग लग गई।