छत्तीसगढ़

रिश्वत लेने के मामले में कर्नाटक के BJP विधायक मदल विरुपाक्षप्पा गिरफ्तार, घर से जब्त हुए थे 7 करोड़ रुपये

बेंगलुरु : कर्नाटक हाई कोर्ट की ओर से अंतरिम जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया है. मदल विरुपक्षप्पा को सोमवार (27 मार्च) को तुमकुरु में क्याथासंद्रा टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया गया. बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल को लोकायुक्त अधिकारियों ने एक ठेकेदार से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए दो मार्च को रंगे हाथ पकड़ा था.

आरोप है कि वे केएसडीएल कार्यालय में अपने पिता की ओर से यह रकम ले रहे थे. विरुपक्षप्पा के आवास से 7 करोड़ से अधिक की नकदी भी जब्त की गई थी. हाई कोर्ट ने पिछले सप्ताह इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायमूर्ति के. नटराजन ने चन्नागिरी से विधायक विरुपक्षप्पा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.

क्या है पूरा मामला?

बेटे की गिरफ्तारी के बाद विरुपक्षप्पा ने केएसडीएल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. ये कथित घोटाला केएसडीएल में रसायन की आपूर्ति से संबंधित है जिसमें 81 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. प्रशांत मदल बेंगलुरु जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड के मुख्य लेखा अधिकारी हैं. मामले की जांच कर रही लोकायुक्त पुलिस ने कहा था कि ये रिश्वत कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड को कच्चे माल की आपूर्ति के लिए एक टेंडर हासिल करने के लिए थी. 

विधायक ने आरोपों से किया इनकार

विधायक ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की ओर से फंसाया जा रहा है. उन्होंने ये भी दावा किया कि उनका बेटा, जो रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था, निर्दोष था. विधायक ने दावा किया कि किसी ने उनके बेटे के कार्यालय में साजिश के तहत पैसा भेजा था. 

पहले हाई कोर्ट से मिली थी जमानत 

लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में चार और गिरफ्तारियां की हैं. हाई कोर्ट ने इससे पहले विरुपक्षप्पा को पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी, जिससे उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण मिला था. तब जमानत मिलने पर उनके गृह नगर में समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया था.