दुर्ग । दुर्ग पुलिस ने ऑनलाईन ठगी के दो मामलों का खुलासा किया है। जिसमें एक ठग बिहार नवादा का है। और दो ठग जामताड़ा झारखंड के रहने वाले हैं। दोनों मामलों में आरोपियों ने मोबाईल फोन के माध्यम से करीब 50 लाख रुपयों की ठगी की थी। जिसमें बजाज फाइनेंस से लोन दिलाने के नाम और अमेजन डिलिवरी कुरियर का प्रतिनिधि होना बताकर आरोपियों ने लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दिया था।
पहला मामला पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र का है। जिसमें शिकायतकर्ता ने इस बात की जानकारी दी थी कि 19 मार्च की रात जब उसने अपने मोबाईल पर अमेजन डिलिवरी कुरियर की समस्या आने पर गूगल से अमेजन का हेल्प नंबर निकालकर फोन किया तो आरोपी द्वारा अपने आप को अमेजन का प्रतिनिधि बताकर एनीडेस्क ऐप को इंस्टॉल कराकर और आए हुए ओटीपी को शेयर करने को कहा गया।
इसके बाद अलग अलग तिथियों में उसके अकाउंट से करीब 42 लाख रूपये की राशि निकाल ली गई। शिकायतकर्ता हरीश टंडन को बैंक खातों से निकाली गई राशि की जानकारी लगी तो शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी दुर्ग पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने खाते और मोबाइल नंबर के डिटेल खंगाली तो जानकारी लगी कि ठगों की नगरी जामताड़ा झारखंड के अर्जुन मंडल और नकुल मंडल को इस मामले में शामिल होना पाया गया है।
पकड़े गए दोनों आरोपी सगे भाई बताए जा रहे हैं। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आरोपी कम पढ़े लिखे होने के बावजूद पढ़े लिखे लोगों के साथ ठगी करने में शातिर थे वहीं बताया कि जामताड़ा में 25 परिवार हैं जो ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। दोनों आरोपी पिछले 5 साल में 5 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके हैं और इस ठगी के पैसे से महंगे घर बनाए और गाड़ी भी खरीदी है।
इसी तरह से एक दूसरे मामले में अंजोरा चौकी पुलिस क्षेत्र के ग्राम चंगोरी के किसान झूम्मन निषाद ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसे किराना दुकान खोलने के लिए लोन की आवश्यकता थी। उसने फेसबुक पर लोन का एड देखकर उसमें दिए गए मोबाईल नंबर पर संपर्क किया और तो फाइनेंस का कर्मचारी बताकर नवादा बिहार के रहने वाले संजीव कुमार ने प्रार्थी से आधार, पैन कार्ड और बैंक खाता व्हाट्सएप पर तत्काल भेजने को कहा। इसके बाद प्रोसेसिंग चार्ज, बीमा, और इनकम टैक्स के लिए उसके खाते से 8 लाख रुपये हड़प लिये।
दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि जामताड़ा के रहने वाले दोनों ठग अमेजन कुरियर सर्विस के नाम पर लोगों को ठगने का काम करते थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि आरोपी प्रतिदिन 8 से 10 फोन अटेंड करते थे। पिछले 5 सालों में इन लोगों ने सैकड़ों लोगों से 5 करोड़ रुपयों की ठगी कर चुके हैं। इसके लिए ये लोग एनी डेस्क ऐप का उपयोग करते थे। फर्जी सिम का इस्तेमाल करते थे। और ठगी की वारदात को अंजाम देने के बाद सिम कार्ड तोड़ कर फेंक दिया करते थे। इस पूरे मामले में एसपी अभिषेक पल्लव ने आरोपियों से ठगी करने का तरीके का डेमो भी दिखाया है।