नई दिल्ली । विराट कोहली और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। 34 साल के कोहली टूर्नामेंट के एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 2008 में लीग की शुरुआत से एक फ्रेंचाइजी का प्रतिनिधित्व किया। कोहली ने 2013-2021 तक 9 सीजन में फ्रेंचाइजी की कप्तानी भी की। हालांकि, वो आईपीएल खिताब जीतने में सफल नहीं हुए। कोहली ने आरसीबी के लिए खेलते हुए कुछ बेजोड़ प्रदर्शन किए।
कई मौकों पर कोहली कह चुके हैं कि आरसीबी लीग में उनकी एकमात्र फ्रेंचाइजी है। मगर स्टार बल्लेबाज ने अब खुलासा किया कि करियर के शुरुआती सालों में उन्होंने अन्य फ्रेंचाइजी से बातचीत की थी। कोहली को टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी करनी थी, जिसके कारण उन्होंने अन्य फ्रेंचाइजी से बातचीत की थी। शुरुआत के दो-तीन साल में कोहली ने आरसीबी के लिए पांचवें या छठें नंबर पर बल्लेबाजी की। हालांकि, अन्य फ्रेंचाइजी ने कोहली को चुनने से इंकार कर दिया था।
कोहली ने लिया बदला
कोहली ने बताया कि मजेदार बात यह है कि 2011 में रिटेंशन के पहले वो फ्रेंचाइजी उनके पास फिर लौटी। मगर भारतीय टीम के नियमित सदस्य बन चुके कोहली ने आरसीबी के साथ रुकने का फैसला किया। कोहली ने जियो सिनेमा पर रॉबिन उथप्पा से बातचीत में कहा, ‘यह शानदार सफर रहा। मैं आरसीबी के साथ यात्रा और साझेदारी की कद्र इसलिए करता हूं क्योंकि आईपीएल के पहले तीन साल में उन्होंने मेरा काफी समर्थन किया।’
कोहली ने आगे कहा, ‘जब रिटेंशन हुए तब आरसीबी ने कहा कि हम आपको रिटेन करना चाहते हैं। उस समय मेरी प्रतिक्रिया रे जेनिंग्स को इतनी थी कि मैं तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि हां ठीक है। आरसीबी ने मुझ पर तब भरोसा जताया जब मुझे सबसे ज्यादा जरुरत थी। मेरा अंतरराष्ट्रीय करियर बढ़ रहा था।’
फ्रेंचाइजी का ऑफर किनारे किया
विराट कोहली ने कहा, ‘मेरे लिए यह ज्यादा मूल्यवान बात थी। मैं नाम नहीं लूंगा, लेकिन उस समय एक और फ्रेंचाइजी ने मुझसे बातचीत की। वो तब मुझे सुन नहीं रहे थे। मैं निचले क्रम में खेल रहा था और टॉप ऑर्डर में खेलना चाहता था। वो ही फ्रेंचाइजी क्योंकि मैं भारत के लिए खेल चुका था और 2011 वर्ल्ड कप में परफॉर्म कर चुका था, तो मेरे पास आए और कहा- क्या आप नीलामी में आ सकते हैं? मैंने कहा- नहीं, कोई चांस नहीं। मैं हमेशा उस फ्रेंचाइजी के साथ रहूंगा, जो मेरा समर्थन करेगी।’