नईदिल्ली : टाटा समूह की दिग्गज विमानन कंपनी एयर इंडिया द्वारा उड़ान भत्ता को लेकर लाई गई नई मुआवजा नीति का पायलटों ने विरोध किया है। इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन ऑफ एयर इंडिया ने अपने सदस्यों से नई मुआवजा नीति को स्वीकार नहीं करने को कहा है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी से पहले गारंटीकृत उड़ान भत्ता 70 घंटे हुआ करता था। इसे कोरोना काल में घटाकर 20 घंटे कर दिया गया था। अब दोबारा इसे एयरलाइन ने बढ़ाकर 40 घंटे कर दिया है।
इससे पहले, एयर इंडिया के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पायलटों और केबिन क्रू के लिए नई मुआवजा नीति लाई गई है। इसके जरिए हमारा प्रयास विभिन्न समूहों के बीच समानता लाने, उत्पादकता को प्रोत्साहित करने और उनके द्वारा आहरित परिलब्धियों को बढ़ावा देना है। अनुभवी पायलटों द्वारा निभाई गई प्रबंधकीय और पर्यवेक्षी भूमिका को उन्हें वरिष्ठ कमांडर के रूप में नामित करने के साथ-साथ उन्हें एक विशेष मासिक भत्ता देने का भी एलान किया जा रहा है।
कितना किया गया है गारंटीड फ्लाइंग अलाउंस कंपोनेंट
एयर इंडिया ने नई नीति के तहत गारंटीड फ्लाइंग अलाउंस कंपोनेंट को 20 घंटे से बढ़ाकर 40 घंटे कर दिया गया है। साथ ही कंपनी ने प्रति घंटे की उड़ान दरों और पायलटों के उड़ान भत्ते में भी बढ़ोतरी का एलान किया है। अब एक जूनियर पायलट को 1,500 से 1,950 रुपये तक भत्ते के तौर पर दिए जाएंगे। इसी तरह फर्स्ट ऑफिसर को समान उड़ान घंटो के लिए 2,900 रुपये से 3,770 रुपये और कैप्टन (SFO) को 4,300 रुपये से 5,590 रुपये. कमांडर को 6,500 रुपये से 8,450 रुपये और सीनियर कमांडर को 7,100 रुपये से 9,230 रुपये तक का भत्ता दिया जाएगा।
पायलटों के विरोध पर क्या बोली कंपनी
पायलटों के विरोध को लेकर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नए उड़ान भत्ता से संबंधित अनुबंध व्यक्तिगत रूप से आवश्यक कागजी कार्रवाई के लिए पायलटों और केबिन क्रू को भेजे गए थे। बड़ी संख्या में पायलट और केबिन क्रू ने पहले ही नए अनुबंधों और वेतन में सुधार और उन्नति के अवसरों को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि एयरलाइन इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने शेष कर्मचारियों के संपर्क में रहेगी। इस दौरान विमानन कंपनी के प्रवक्ता ने दावा किया कि वे ऐसा इसलिए करेंगे क्योंकि वर्तमान में एयर इंडिया में कोई मान्यता प्राप्त संघ नहीं है।