रायगढ़ : रायगढ़ शहर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां खरसिया इलाके में बीते चार दिनों से एक सरकारी शिक्षिका के घर के बाथरूम में बंद मासूम बच्ची का रेस्क्यू किया गया। महिला बाल विकास और स्थानीय पुलिस की टीम ने बच्ची को बचाया है। रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना ने कहा कि आशा अग्रवाल नाम की शिक्षिका के घर पर पिछले चार दिन से बाथरूम में बंद चार वर्षीय मासूम बालिका को गुरुवार को रात्रि 11 बजे पुलिस की मदद से रेस्क्यू कर छुड़ाया गया। इस ऑपरेशन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना, चाइल्ड लाइन के गुलापी विश्वाल, उन्नायक सेवा समिति के अशोक पटेल और खरसिया सीडीपीओ शपुनीता दर्शन की सबसे अहम भूमिका रही।
नौ साल पहले भी दिया था ऐसी घटना को अंजाम
जानकारी के लिए बता दें कि ये पहला मामला नहीं है। 9 साल पहले भी आशा अग्रवाल के घर से एक 6 साल की बच्ची को छुड़ाया गया था। ये महिला अक्सर मासूम बच्चों को उठाकर काम कराने की नीयत से अपने घर ले जाती है। और अपने घर पर रखकर काफी प्रताड़ित करती है। इस महिला का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है।
दो साल पहले बच्ची को लेकर आई थी महिला
महिला बाल विकास और स्थानीय पुलिस की टीम रेस्क्यू के बाद बच्ची को विश्रामपुर लेकर आई। चाइल्ड लाइन के अधिकारियों ने बताया कि बच्ची को महिला 2 साल पहले खरसिया लाई थी। बताया जाता है कि चाइल्ड लाइन के परियोजना अधिकारी खरसिया को इसकी सूचना मिली थी। जिसके बाद मुख्यालय को सूचना देकर रेस्क्यू किया गया।
नहीं दर्ज हुई एफआईआर
चाइल्ड लाइन ने रेस्क्यू के बाद महिला शिक्षिका पर एफएआर दर्ज करने के लिए रात में ही आवेदन दिया। लेकिन शुक्रवार तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी।