छत्तीसगढ़

दूसरों से सवाल करना आसान, खुद से सवाल करना मुश्किल, राहुल गांधी ने केंद्र पर ऐसे साधा निशाना

बेंगलुरु : कर्नाटक चुनाव के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कर्नाटक चुनाव में प्रचार के लिए दो दिवसीय दौरे पर रविवार को बागलकोट पहुंचे। यहां राहुल गांधी ने संगमनाथ मंदिर और कुदालसंगम तीर्थस्थल का दौरा किया और पूजा अर्चना की। राहुल गांधी के संगमनाथ मंदिर और कुदालसंगम तीर्थस्थल के दौरे को लिंगायत समुदाय को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

बागलकोट में आयोजित बसवा जयंती समारोह में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि दूसरों से सवाल करना आसान है, लेकिन खुद से सवाल करना मुश्किल है। कांग्रेस नेता ने महान कवि और समाज सुधारक बसवन्ना के बारे में बताते हुए कहा कि जहां अंधेरा होता है, उसी अंधेरे में कहीं-न-कहीं रोशनी भी निकलती है। उस समय समाज में अंधेरा था, इसलिए बसव जी अंधेरे में रोशनी बनकर निकले।

केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा मत सोचो कि समाज के सामने सच बोलना आसान है। आज हम उनके (बसवेश्वर) के सामने फूल रख रहे हैं, लेकिन जब वह जीवित थे, तो उन्हें भी धमकी दी गई होगी, उन पर हमला किया गया होगा, लेकिन वह पीछे नहीं हटे, उन्होंने सच्चाई का रास्ता नहीं छोड़ा। ऐसे ही आज सत्ता पक्ष सच से डरा हुआ है। 

कुदालसंगम क्यों पहुंचे राहुल गांधी?
बता दें कि राहुल गांधी दिल्ली से कर्नाटक के हुबली पहुंचे और फिर हुबली से हेलीकॉप्टर से कुदाल संगम और संगमनाथ मंदिर पहुंचे और वहां दर्शन किए। बागलकोट जिले में कृष्णा नदी और मालाप्रभा के किनारे स्थित कुदालसंगम, लिंगायत समुदाय के सबसे बड़े तीर्थस्थलों में शामिल है। कुदालसंगम में लिंगायत समुदाय के सबसे बड़े गुरु और लिंगायत समुदाय के संस्थापक बस्वेश्वरा, जिन्हें बासवन्ना के नाम से भी जाना जाता है, उनका समाधि स्थल है।

कांग्रेस नेता की यह जनसभा राजधानी दिल्ली में सरकारी बंग्ला खाली करने के एक दिन बाद हुई है। बंग्ला खाली करने के बाद उन्होंने कहा कि केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा था कि सच के लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार हैं।कांग्रेस और राहुल गांधी की इस पूरी कवायद को लिंगायत समुदाय को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि राज्य में लिंगायत समुदाय राज्य की कुल जनसंख्या के 17 फीसदी हैं और इनकी कर्नाटक की राजनीति में खासी अहमियत है। यही वजह है कि सभी राजनीतिक पार्टियां लिंगायत समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए कोशिशें करती हैं। आमतौर पर कर्नाटक में लिंगायत वोटबैंक भाजपा समर्थक माना जाता है लेकिन इस बार कांग्रेस ने भाजपा के इस वोटबैंक में सेंध लगाने की तैयारी की है। राहुल गांधी के दौरे भी उसी रणनीति का हिस्सा है। 

इस समारोह के बाद वे शाम को विजयपुर के लिए प्रस्थान करेंगे। जहां शाम 5 बजे से 6:30 बजे तक वे रोड शो भी करेंगे। इससे पहले, राहुल गांधी ने इस महीने की शुरुआत में भी कोलार में एक रैली को संबोधित किया था।