रायगढ़ : रायगढ़ जिले में 4 साल की बच्ची को प्रताड़ित करने वाली महिला हेडमास्टर आशा अग्रवाल को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी महिला ने बच्ची को 4 दिन तक बाथरूम में बंद रखा था। इस दौरान उसका खाना भी नहीं दिया गया। बच्ची रोती गिड़गिड़ाती रही थी। फिर भी महिला हेडमास्टर का दिल नहीं पसीजा था। पुलिस भी मामला सामने आने के बाद केस दर्ज करवाने का इंतजार करती रही। इसके बाद जब चाइल्ड लाइन ने मामले की शिकायत की। तब खरसिया पुलिस ने आरोपी को पकड़ा है।
पुलिस ने आरोपी खरसिया निवासी महिला हेडमास्टर के खिलाफ धारा 342 की तहत केस दर्ज कर कार्रवाई की है। 20 अप्रैल को पड़ोसियों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनकर बाल सरंक्षण विभाग के अधिकारियों को दी थी। जिसके बाद बच्ची का रेस्क्यू किया गया था और पूरे मामले की जानकारी सामने आई थी।
डरी सहमी थी बच्ची
बच्ची घटना के बाद से काफी डरी सहमी हुई थी। जिसके चलते उसकी अब तक काउंसलिंग नहीं हो सकी है। आरोपी महिला टीचर शासकीय विद्यालय ग्राम बासमुडा में प्रधान पाठक के रूप में पदस्थ है। उसका पति ट्रांसपोर्टर है। इस वजह से वह बाहर रहता है। महिला कुछ दिन पहले ही बच्ची को लेकर अपने घर आई थी। घर में उसे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था।
माता-पिता हैं गरीब
असल में बच्ची विश्रामपुर की रहने वाली है। उसके पिता ड्राइवर हैं। माता-पिता गरीबी के कारण बच्ची को पालने में असमर्थ थे, तो उन्होंने अपनी बच्ची को सरकारी स्कूल की टीचर आशा अग्रवाल को पालने के लिए दे दिया।गरीब माता-पिता ने सोचा था कि शिक्षिका के घर में रहकर उनकी बेटी का भविष्य बन जाएगा। वो पढ़ेगी-लिखेगी, उसे 2 वक्त का खाना और अच्छी जिंदगी मिलेगी। लेकिन आरोपी शिक्षिका ने गरीब माता-पिता का फायदा उठाया और उन्हें आश्वासन देकर बच्ची को अपने साथ ले आई और उसे प्रताड़ित करना शुरू किया।
9 साल पहले भी हुआ था रेस्क्यू
जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना ने बताया था कि 9 साल पहले जब वे चाइल्ड लाइन में समन्वयक के पद पर पदस्थ थे, उस वक्त भी इसी शिक्षिका आशा अग्रवाल के घर से एक 6 साल की बच्ची को रेस्क्यू किया गया था। उनकी टीम ने बच्ची को रायगढ़ लाकर सुरक्षा दी गई थी। एक बार फिर 4 साल की मासूम इसी शिक्षिका के घर से रेस्क्यू की गई है। हैरानी की बात ये है कि आरोपी शिक्षिका पहले भी बच्ची को प्रताड़ित करने में लिप्त पाई गई, तो उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की गई। वो सरकारी नौकरी भी करती रही। शिक्षिका जैसे पद पर बनी रही। उसका निलंबन क्यों नहीं हुआ।