छत्तीसगढ़

पवार के अडानी से रिश्तों पर सवाल पूछिए?, राहुल गांधी पर भड़के असम के सीएम ने कहा- हिम्मत है…

नईदिल्ली : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अडानी-हिंडनबर्ग मामले में एनसीपी चीफ शरद पवार के खिलाफ ट्वीट करने की चुनौती दी. हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार (26 अप्रैल) को एक कार्यक्रम के दौरान शरद पवार की अडानी ग्रुप के चैयरपर्सन गौतम अडानी से हुई हालिया मुलाकात का जिक्र करते हुए ये मांग की. 

न्यूज चैनल रिपब्लिक के एक कार्यक्रम में सीएम सरमा ने कहा कि राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि हम अडानी के दोस्त हैं. मैं उन्हें जानता तक नहीं हूं. पूर्वोत्तर के लोगों को अडानी, अंबानी और टाटा तक पहुंचने में कुछ समय लगेगा. हम वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी में अगर हिम्मत है तो मैं उन्हें शरद पवार के खिलाफ ट्वीट करने की चुनौती देता हूं? पवार जी के अडानी से रिश्तों पर सवाल कीजिए? ये लोग सहूलियत वाली राजनीति करते हैं.

‘पवार से मिले अडानी तो…’

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आप (राहुल गांधी) बीजेपी और अडानी पर कुछ ट्वीट करते हैं, लेकिन जब गौतम अडानी शरद पवार के घर जाते हैं और 2-3 घंटे बिताते हैं, क्यों राहुल गांधी का ट्वीट नहीं आता. मुझे शरद पवार के अडानी जी से मिलने में कोई समस्या नहीं है.

हाल ही में राहुल गांधी ने अपने एक ट्वीट में हिमंत बिस्वा सरमा, गुलाम नबी आजाद जैसे कुछ पूर्व कांग्रेस नेताओं का नाम अडानी से जोड़ा था. उन्होंने लिखा था कि ये सच छुपाते हैं, इसलिए रोजाना लोगों को गुमराह करते हैं. इसी ट्वीट को लेकर असम के सीएम ने वायनाड के पूर्व सांसद पर मानहानि का मामला दर्ज करने की चेतावनी दी थी.

‘राहुल गांधी ने खुद नहीं किए होंगे ये ट्वीट’

सीएम सरमा ने मानहानि मामले पर बात करते हुए कहा कि मुझे शक है कि राहुल गांधी ये ट्वीट खुद करते हैं या नहीं. असम के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने मुझे बताया था कि राहुल गांधी को खुद नहीं पता होता है कि उन्होंने क्या ट्वीट किया है. कोई उन्हें ये ट्वीट करने के लिए कहता है.

अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर जेपीसी जांच की मांग के बीच गौतम अडानी ने 20 अप्रैल को शरद पवार के घर पर उनसे मुलाकात की थी. शरद पवार ने बीते दिनों जेपीसी की जांच का समर्थन न कर विपक्षी दलों के बीच हड़कंप मचा दिया था. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी इस मामले में जेपीसी से ज्यादा प्रभावी रहेगी.

‘पहले ही हार चुका है विपक्ष’

हिमंत बिस्वा सरमा ने लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर की जा रही विपक्षी एकता की कोशिशों को लेकर भी खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि पहली बात कि नीतीश कुमार को सोचना चाहिए कि तेजस्वी यादव के समर्थन के बिना उनके पास कितनी सीटें हैं. समर्थन के बिना वो खड़े तक नहीं हो सकते हैं. अगर वो लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को 250 सीटों से कम पर रोकने का लक्ष्य रखते हैं तो इसका मतलब है कि उन्होंने पहले ही हार मान ली है.