नईदिल्ली : कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स वायरस भी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह घोषणा की है. WHO ने कहा है कि इस वायरस के मामले अब कम हो रहे हैं. विश्व स्तर पर पहले जैसा खतरा नहीं रहा है. ऐसे में अब मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं माना जा सकता. यह फैसला WHO कमेटी की बैठक में लिया गया है.WHO ने कहा है कि अब तक दुनियाभर में मंकीपॉक्स के 87 हजार केस आ चुके हैं. कुल 111 देशों में ये वायरस फैला है.
अब मामलों में कमी आ रही है और ये वायरस गंभीर खतरे का कारण नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि मंकीपॉक्स का वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य आपातकाल खत्म हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं है कि ये बीमारी अब दुनियाभर में खत्म हो गई है. इसलिए अभी भी इस वायरस को लेकर लापरवाही नहीं करनी है और इससे बचाव के नियमों का पालन करते रहना है.
मामलों में आ रही थी गिरावट
पिछले तीन महीनों से मंकीपॉक्स वायरस के मामलों में गिरावट आ रही थी. इस वायरस से मौतों भी थम गई थीं. 111 देशों में हुआ प्रसार भी कम होने लगा था. ऐसे में मंकीपॉक्स को लेकर बैठक की गई और उसमें इस वायरस को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की सूची से हटाने का फैसला लिया गया. पिछले साल जुलाई में WHO के डीजी टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसुस ने मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था.
तब तक 75 देशों में इस वायरस के करीब 17 हजार मामले आ चुके थे. उस दौरान ये बीमारी अफ्रीका से बाहर के देशों में भी फैलने लगी थी. इसके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी भी नहीं थी. उस दौरान इस वायरस को महामारी बनने से रोकने के लिए अलर्ट के तौर पर यह घोषणा की गई थी.
पुरुषों में ज्यादा केस
पिछले साल जुलाई तक मंकीपॉक्स के कुल मामलों में से 99 फीसदी केस पुरुषों में ही थे. इनमें भी समलैंगिक पुरुषों की संख्या अधिक थी. उस दौरान एक महीने के भीतर ही नए मामले 70 फीसदी तक बढ़ गए थे. कुछ एक्सपर्ट्स ने दावा किया था कि ये वायरस भी एसटीडी की तरह ही फैल रहा है, हालांकि इसको लेकर कोई रिसर्च सामने नहीं आई थी.