नईदिल्ली : दो साल बाद लखनऊ के कुछ एटीएम से गुलाबी नोट निकले। जो गुलाबी नोट देखकर चेहरे पर मुस्कान तैर जाती, एक अलग एहसास होता, उन्हें देखते ही ग्राहक लाल-पीले होने लगे। कुछ बड़बड़ाए- बैठे-बिठाए काम बढ़ा दिया। अब जमा करने या बदलवाने की मशक्कत करें।
भले ही बैंक शाखाओं में दो हजार के नोट बदलने का काम 23 मई से शुरू होगा, लोग शनिवार से ही कैश डिपॉजिट मशीनों के जरिये नोटों को खाते में जमा करवाने लगे। वहीं, कुछ एटीएम से कैश निकालने पर दो हजार रुपये के नोट निकले। आशियाना में पावरहाउस चौराहे के पास मौजूद बैंक ऑफ बडौदा के एटीएम में प्रकाश पैसा निकालने गए थे।
उन्होंने दस हजार रुपये निकाले। कैश में पांच सौ के चार नोट तो दो हजार के चार नोट निकले। उन्होंने तत्काल कैश डिपॉजिट मशीन के जरिये दो हजार के नोटों को खाते में जमा करवा दिया। रवि रावत भी इसी परेशानी से दो-चार हुए। उन्होंने हजरतगंज स्थित एसबीआई के एटीएम से कैश निकाला तो दो हजार के नोट उनके हाथ लगे। अब वह उनके सामने नोटों को जमा करने का संकट है।
खाली ट्रे में कैसे आए दो हजार के नोट
एटीएम में दो हजार रुपये के नोट लगने करीब दो साल से बंद हैं। कई जगहों पर एटीएम से इन नोटों के ट्रे भी हटा दिए गए हैं। ऐसे में जिन एटीएम में खाली ट्रे थे, उनमें दो हजार के नोट कैसे आए, इस पर बैंक अफसर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि बैंककर्मियों की मिलीभगत से दो हजार रुपये के नोट ट्रे में लगाए गए।
लोगों ने किए ट्वीट-दो हजार के नोट लेने से इनकार
आरबीआई का आदेश आने के बाद राजधानी में कई जगहों पर लोगों ने दो हजार रुपये के नोटों का लेनदेन करना बंद कर दिया है। इससे आम लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। सैफ रिजवी ने चौक इलाके में एक पैथोलॉजी के दो हजार रुपये के नोट नहीं लेने पर ट्वीट किया। ऐसे ही अनिल कुमार गुप्त ने एक पेट्रोल पंप पर दो हजार के नोट नहीं लिए जाने को लेकर ट्वीट किया।
नहीं पड़ेगा कोई फर्क…
लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने बताया कि दो हजार का नोट बंद होने से बाजार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लखनऊ सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष वर्मा ने बताया कि फिलहाल सराफा बाजार में दो हजार के नोट से खरीदारी करने वाले ग्राहकों की संख्या नहीं बढ़ी है। दो से तीन दिन बाद बड़ी नोट वाले ग्राहक बाजार में निकलेंगे।