छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : नक्सल फंडिंग पर करंसी स्ट्राइक, 2000 के नोट जमा कराने ले जा रहे 2 नक्सली गिरफ्तार; 6 लाख रुपये, 11 पासबुक जब्त

बीजापुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पुलिस ने दो-दो हजार रुपये के नोटों के साथ दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी नक्सलियों के पास से छह लाख रुपये और 11 बैंक पासबुक भी बरामद हुई है। रिजर्व बैंक के दो हजार रुपये नोट वापस लेने के निर्णय के बाद आरोपी नक्सली रकम लेकर अलग-अलग बैंकों में जमा कराने के लिए जा रहे थे। बताया जा रहा है कि आरोपियों के पास से बरामद की गई रकम नक्सली कमांडर मल्लेश की है। उसने ही इन रुपयों को देकर जमा कराने के लिए भेजा था। मामला बीजापुर थाना क्ष्रेत्र का है।

जवानों को देख भागने की कोशिश कर रहे थे आरोपी
जानकारी के मुताबिक, बीजापुर पुलिस और डीआरजी जवान शुक्रवार को महादेव घाट में एमसीपी ड्यूटी में तैनात थे। इसी दौरान भूरे रंग की बाइक पर दो लोग आते हुए दिखाई दिए। पुलिस पर नजर पड़ते ही बाइक सवार मुड़कर भागने की कोशिश करने लगे। इस पर जवानों ने दौड़कर उन्हें पकड़ लिया। बाइक सवारों के पास मिले बैग की तलाशी ली गई तो उसमे दो-दो हजार के नोटों के तीन बंडल मिले। हर बंडर में दो-दो लाख रुपये थे। इसके अलावा अलग-अलग बैंकों की 11 पासबुक और नक्सली पर्चा भी बरामद किया गया।

नक्सली कमांडर ने आठ लाख रुपये दिए थे जमा करने
पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने अपना परिचय बासागुड़ा के नरसापुर निवासी गजेंद्र माड़वी और लक्ष्मण कुंजाम बताया। पूछताछ के दौरान दोनों रकम से जुड़े कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। इस पर जवानों ने अफसरों को सूचना दी और दोनों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में आरोपी गजेंद्र मंडावी ने अफसरों को रकम प्लाटून नंबर 10 के नक्सली कमांडर मल्लेश होना बताया। यह भी बताया कि दो हजार के नोट बंद होने पर मल्लेश ने आठ लाख रुपये पहचान वालों के खातों में जमा कराने के लिए दिए थे। 

तीन बैंकों के अलग-अलग खातों में दो लाख जमा किए
आरोपी लक्ष्मण कुंजाम ने पीएनबी में 50 हजार, यूनियन बैंक में 48 हजार और गजेंद्र ने एसबीआई में 38 हजार व सेंट्रल बैंक में 50 हजार रुपये अलग-अलग खाते में जमा किए हैं। गजेंद्र ने बताया कि, बाकी रकम अलग-अलग दिनों में जमा करनी थी और शेष रेखापल्ली की तरफ लेकर जाना था। गिरफ्तार आरोपियों में गजेंद्र माड़वी सिलगेर आंदोलन और मूलवासी बचाओ मंच का लीडर है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। साथ ही इससे यह भी सामने आया है कि नक्सली फंडिंग में अन्य लोग भी शामिल हैं।