महाराष्ट्र। केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर इन दिनों महाराष्ट्र पहुंचे हैं, जहां उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों पर बयान दिया। उन्होंने कहा है कि मामले की काफी गहन जांच की जा रही है। साथ ही, उन्होंने इस मामले में राजनीति करने वालों को भी घेरा है।
संवेदनशील तरीके से संभाल रहे मामला
केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “हम इस मुद्दे को बहुत संवेदनशील तरीके से संभाल रहे हैं। खिलाड़ियों ने जो भी मांग की है, हम वह सब कर रहे हैं। उन्होंने जांच कमेटी बनवानी चाही, हमने वो बनवाई, पुलिस से एफआईआर दर्ज कराना चाहते थे, तो दिल्ली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है। खिलाड़ियों ने जो-जो चाहा वो सब हुआ है।”
चार्जशीट दाखिल होने के बाद होगी कार्रवाई
अनुराग ठाकुर ने कहा, “देश में कभी भी ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो पुलिस उसकी जांच करती है और उसके बाद ही कार्रवाई करती है। इस मामले में भी काफी तेजी से जांच हो रही है, जिन लोगों के बयान लिए जाने हैं, उनके बयान भी जल्दी-जल्दी रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। इस मामले में भी जब पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी, तो उचित कार्रवाई होगी।”
मामले पर राजनीति करने वालों को घेरा
इस मुद्दे पर राजनीति करने वाले को घेरते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “जो भी लोग इस मामले में राजनीतिकरण कर रहे हैं, मैं उनसे इतना कहना चाहूंगा कि देश का कानूनी 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक समान है। हमारे लिए खेल और खिलाड़ी दोनों महत्वपूर्ण है। मोदी सरकार ने हमेशा खेल को बढ़ावा दिया है और खेल के लिए बजट में बढ़ोतरी की है। मोदी जी ने हमेशा खिलाड़ियों को सम्मान दिया है और आगे भी देते रहेंगे।”
पहलवानों से की अपील
दरअसल, बीते मंगलवार को पहलवानों ने गंगा में अपने मेडल बहाने का ऐलान किया था। इसको लेकर भी केन्द्रीय मंत्री ने पहलवानों से अपील करते हुए कहा कि पहलवान खेल को नुकसान न पहुंचाऐं, उन्हें जांच पूरी होने का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच नियम के अनुसार होगी और खिलाड़ियों को जांच पर भरोसा करना चाहिए।
लगातार बढ़ाया जा रहा खेल बजट
केन्द्रीय खेल मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने खेल का बजट 878 करोड़ से बढ़ाकर 2782 करोड़ कर दिया है। सरकार खेलो इंडिया जैसी योजनाएं चला रही है। वहीं, खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर करोड़ों रूपये खर्च होते हैं। ऐसे में उन्हें सरकार पर भरोसा होना चाहिए। पहलवान कोई ऐसा कदम न उठाए, जिससे खेल भावना को ठेस पहुंचे।”