रायगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायगढ़ के रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़ के भांजे हैं, यही कारण है कि यहां भांजों के पैर छूने की परंपरा है। प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव से न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लोग जुड़ रहे हैं। गुरुवार को दिनभर सोशल मीडिया में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव छाया रहा। विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव नंबर एक पर ट्रेंड करता रहा।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान राम ने अपने वनवास के 10 वर्ष छत्तीसगढ़ में गुजारे। वनवास के दौरान भगवान ने कितनी कठिनाई झेली पर अपनी मर्यादा नहीं खोई। साथ ही कहा कि अपना छत्तीसगढ़ माता कौशल्या और शबरी का भी प्रदेश है। यह वर्षों से रह रहे वनवासियों, आदिवासियों का प्रदेश है। छत्तीसगढ़ का रिश्ता वनवासी श्रीराम के साथ ही कौशल्या के राम से भी है, इसलिए वे हमारे भांजे हैं और तभी छत्तीसगढ़ के लोग भांजों के पैर छूते हैं।
छत्तीसगढ़ में पहली बार ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ एक से तीन जून तक रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय महोत्सव में देश के 12 राज्यों सहित कंबोडिया और इंडोनेशिया के रामायण दलों द्वारा रामकथा पर भक्तिपूर्ण प्रस्तुति दी जा रही है। इन रामायण दलों की प्रस्तुति में भगवान श्रीराम की रामकथा के विविधतापूर्ण राष्ट्रीय-वैश्विक स्वरूपों की झलक देखने को मिल रही है।
रामायण के अरण्यकाण्ड पर रामायण दलों की प्रतियोगिता भी शुरू हो चुकी है। साथ ही महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कलाकार भजन संध्या में अपनी संगीतमय प्रस्तुति देंगे। इस राष्ट्रीय महोत्सव में केरल, कर्नाटक, ओडिशा, असम, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखण्ड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के रामायण दल शामिल हो रहे हैं। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के अंतिम दिन हिंदी के प्रख्यात कवि कुमार विश्वास अपनी विशेष प्रस्तुति ‘अपने-अपने राम म्युजिक नाइट’ से भगवान श्रीराम की महिमा का बखान करेंगे।