नईदिल्ली I एक तरफ पहलवान अपनी मांगों को लेकर परेशान हैं तो दूसरी तरफ जूनियर रेसलर्स भी टूर्नामेंट कैंसिल होने की वजह से परेशानियों का सामना कर रहे हैं. पहलवानों और संघ के बीच चल रही रस्साकशी की वजह से जूनियर रेसलर्स के टूर्नामेंट्स भी रद्द होने लगे हैं.
जूनियर रेसलर्स ने प्रैक्टिस के लिए रोटी-पानी तक छोड़ा. महीनों तक ये जूनियर पहलवान अपना पसीना बहाते हैं, वजन घटाते हैं, मेहनत खपाते हैं तब जाकर ये एक-एक मैच और टूर्नामेंट के लिए तैयार होते हैं लेकिन लगातार उठ रही बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भारतीय कुश्ती संघ के तहत कराए जाने वाले टूर्नामेंट फिलहाल रोक दिए गए हैं.
क्या कहा जूनियर पहलवानों ने?
जूनियर पहलवान निधि ने बताया, “एक पहलवान बनने के लिए बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है. जंक फूड, घूमना फिरना, हमने सब छोड़ा, पढ़ाई भी पीछे रह जाती है, फोकस नहीं रह पाता है. प्रैक्टिस करते-करते इतना थक जाते हैं कि फैमिली के साथ ठीक से समय भी नहीं बिता पाते हैं. खाना-पीना, रेस्ट करना और प्रैक्टिस यही तीन चीज हमारी जिंदगी में रह जाती हैं. इस बार नेशनल के लिए वजन कम करना था और मैंने कर भी लिया था. लिक्विड डाइट पर रहती थी. उबला हुआ खाना खाती थी लेकिन आखिर में टूर्नामेंट कैंसिल हो गए.
‘अखाड़े में आने का मन नहीं किया’
एक और जूनियर पहलवान मान्या ने कहा, “जब चैंपियनशिप कैंसिल होने के बारे में सुना था तो बहुत ज्यादा दुख हो रहा था क्योंकि इसी के लिए वेट कम किया, वेट कम हो भी गया था, लेकिन अगले दिन ही टूर्नामेंट कैंसिल हो गया. दिन में 6 घंटे प्रैक्टिस करती थी. खाना एकदम कम कर दिया था, डाइट का आधा खाती थी. एक महीना लगा था 4 किलो वेट घटाने में, जंक फूड छोड़ना पड़ता है. अपने आप को बहुत कंट्रोल में रखना पड़ता है. जब नेशनल कैंसिल हुआ था तो मेरा तो मन भी नहीं कर रहा था कि वापस अखाड़े में आओ, लेकिन पापा ने समझाया कि अगली बार के लिए तैयारी करो.
‘बच्चों के साथ परिवार भी देता है कुर्बानियां’
अखाड़े में आई एक खिलाड़ी की मां ने कहा, “मैं 1 बजे अपनी बच्ची के साथ घर से निकलती हूं और रात के 8 बजे वापस घर पहुंचती हूं. रोज 7 घंटे लग जाते हैं बच्ची को प्रैक्टिस में, लाने और ले जाने में, लेकिन अब आदत हो गई है, कोई दिक्कत नहीं होती. शुरू में दिक्कत होती थी जब आस-पड़ोस के लोग कहते थे कि क्यों लड़की को कुश्ती करा रही हो, क्यों बाल कटवा दिए, लेकिन अब फर्क नहीं पड़ता.
टूर्नामेंट हो रहे हैं कैंसिल
इन पहलवानों के निराश होने की वजह को भी समझने की जरूरत है. वजह है कई टूर्नामेंट जिसके लिए इन पहलवानों ने रात दिन एक कर दिया वो या तो कैंसिल हो गए या फिर टल गए. इसकी शुरूआत जनवरी में एशियन चैंपियनशिप की मेजबानी भारत से छिन जाने से हुई थी. इसके बाद गोंडा में सीनियर नेशनल टूर्नामेंट कैंसिल हुआ और फिर पिछले महीने मई में जूनियर एशियन चैंपियनशिप के लिए ट्रायल रीशेड्यूल किए गए.
क्या बोले प्रेमनाथ अखाड़ा के कोच?
प्रेमनाथ अखाड़ा के कोच और संचालक विक्रम कुमार ने कहा, “ये अपने मैच के लिए दिन-रात एक कर देते हैं. सालों तक मेहनत करते हैं, लेकिन चैंपियनशिप से ठीक पहले भी नहीं पता चलता है कि चैंपियनशिप ही कैंसिल हो गई है तो फिर इनका दिल टूट जाता है. ये लड़कर हारना तो मंजूर कर सकते हैं, लेकिन ये मंजूर नहीं कर सकते कि कंप्टीशन ही न हो. अभी अंडर-23, अंडर-15 की नेशनल चैंपियनशिप और जूनियर चैंपियनशिप कैंसिल करके ओपन ट्रायल रखे गए हैं. 5 जून से 8 जून तक सोनीपत में इनका आयोजन होगा. दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों का प्रदर्शन जारी है. उन्होंने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.