नईदिल्ली : ओडिशा के बालासोर में पिछले शुक्रवार को हुए भयंकर रेल दुर्घटना के बाद रेलवे ने बड़ी तेजी दिखाते हुए 51 घंटों के अंदर हालात को फिर से काबू में कर लिया था। दुर्घटनास्थल की अप और डाउन दोनों दिशा में ट्रेनों की आवाजाही फिर से शुरू हो चुकी है। इस रेल हादसे में 288 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और 1100 से अधिक लोग जख्मी हुए थे। हालांकि रेलवे ने ताबड़तोड़ एक्शन लेते हुए दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा बांटना शुरू कर दिया है। रेलवे की तरफ से अब तक 688 पीड़ितों को मुआवजा बांटा जा चुका है। इसी बीच मामले की सीबीआई जांच भी शुरू हो गई है। प्रारंभिक जांच में सीबीआई ने पाया कि ट्रेन हादसे की एक वजह लोकेशन बॉक्स में की गई छेड़छाड़ हो सकती है।
दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने बुधवार तक, ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के संबंध में अब तक मुआवजे के 688 मामले आए हैं और 19.26 करोड़ रुपये अब तक वितरित किए जा चुके हैं। हादसे के बाद कुल 56 ट्रेनें अप दिशा में और 67 डाउन की दिशा में चल चुकी है। वहीं, ओडिशा के मुख्य सचिव ने कहा कि भुवनेश्वर भेजे गए 193 शवों में से 110 की पहचान कर ली गई है। जबकि 83 की पहचान की जानी बाकी है। वहीं इससे पहले सोमवार को अधिकारियों ने कहा था कि 101 शवों की पहचान की जानी बाकी है। पूर्वी मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक रिंकेश रॉय ने कहा कि ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी लगभग 200 लोगों का इलाज चल रहा है।
यह हो सकती है हादसे की वजह
इसी बीच ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ट्रेन हादसे की एक वजह लोकेशन बॉक्स में की गई छेड़छाड़ हो सकती है, जिस कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन से लूप लाइन में प्रवेश करना पड़ा। जहां खड़ी एक मालगाड़ी से उसकी टक्कर हो गई थी।
जानकारी के अनुसार, लोकेशन बॉक्स में की गई छेड़छाड़ की जानकारी सामने आते ही रेल मंत्रालय ने सभी लोकेशन बॉक्स को सुरक्षित रखने के लिए डबल लॉक लगाने का फैसला किया है। वर्तमान में स्टेशन के ‘रिले रूम्स’ को डबल लॉक से सुरक्षित किया जाता है। सिग्नल व्यवस्था की देखरेख करने वाले और स्टेशन मास्टर के पास इन लॉक्स की चाबी मौजूद होती है। वहीं, लोकेशन बॉक्स में सिर्फ एक लॉक होता है, जिसकी चाबी सिग्नल व्यवस्था की देखरेख करने वाले शख्स के पास होती है। इसी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए रेलवे ने डबल लॉक लगाने का फैसला किया है।
इस बारे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों से चर्चा की है। उन्होंने रेलवे की सुरक्षा और सुरक्षा तंत्र को दुरुस्त करने के लिए जरूरी बदलाव करने की बात भी कही। वहीं, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके लाहोटी ने रेलवे कर्मचारियों से सिग्नल के रखरखाव में शॉर्टकट न लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि गलती कितनी भी छोटी क्यों न हो, ग्राउंड पर काम कर रहे कर्मचारियों को अपने सीनियर से कुछ भी छुपाना नहीं चाहिए।
02 जून को शाम 7 बजे के करीब ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगर बाजार स्टेशन के पास सिग्नल में गड़बड़ी के चलते शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच हुई दुर्घटना के बाद 288 लोगों की मौत हो गई और एक हजार से अधिक लोग घायल हो गए थे। अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।