नई दिल्ली: महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने अनुभवी रविचंद्रन अश्विन को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिए भारतीय प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिलने को चौकाने वाला फैसला करार देते हुए कहा कि उनकी क्षमता के स्पिनर को प्रभावी होने के लिए अनुकूल परिस्थितियों की जरूरत नहीं होती है। डब्ल्यूटीसी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 209 रन से हराया। भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड ने टीम में अश्विन को जगह नहीं देने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि बारिश की स्थिति ने उन्हें चौथे विशेषज्ञ तेज गेंदबाज को चुनने के लिए मजबूर किया।
तेंदुलकर ने रविवार को ट्वीट किया, ‘भारत को मैच में बने रहने के लिए पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करना था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। भारतीय टीम के लिए कुछ अच्छे क्षण थे, लेकिन मैं अश्विन को अंतिम एकादश में शामिल नहीं करने के फैसले को पचा नहीं पा रहा हूं। वह इस समय दुनिया का नंबर एक टेस्ट गेंदबाज है।’
तेंदुलकर को इस तर्क से हैरानी हुई कि अश्विन जैसी क्षमता वाले गेंदबाज को तेज गेंदबाजों के अनुकूल परिस्थितियों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, वह भी तब जब इस ऑस्ट्रेलियाई टीम में बायें हाथ के कई बल्लेबाज है।
भारत को दूसरी बार फाइनल में मिली हार
उन्होंने कहा, ‘मैंने मैच से पहले ही कहा था कि कुशल स्पिनर हमेशा पिच से मिलने पर मदद के भरोसे नहीं रहता। वे हवा, पिच की उछाल और अपनी विविधताओं का इस्तेमाल करता है। यह नहीं भूलना चाहिये कि ऑस्ट्रेलिया के पास शीर्ष आठ में बायें हाथ के पांच बल्लेबाज थे। अश्विन ने डब्ल्यूटीसी के दूसरे सत्र के दो साल के चक्र में 13 टेस्ट में 61 विकेट लिए हैं।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 के फाइनल में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने 444 रनों का लक्ष्य दिया था। मैच में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। वहीं पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 469 रन का स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में जब भारतीय टीम बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरी उसकी पहली पारी सिर्फ 296 रनों पर सिमट गई। दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलिया ने एक बार फिर अपने दबदबे को कायम रखा। मैच में कंगारू टीम ने 8 विकेट पर 270 रन बनाकर अपनी पारी को घोषित कर दिया।
इस तरह ऑस्ट्रेलिया को दोनों पारियों को मिलाकर कुल 443 रनों की बढ़त हासिल हुई। ऐसे में टीम इंडिया को जीत के लिए 444 रन बनाने थे लेकिन खेल के पांचवे दिन भारत लंच ब्रेक से पहले ही 234 रन बनाकर ऑल आउट हो गई।