नई दिल्ली : डब्ल्यूटीसी फाइनल में आस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद रोहित शर्मा की टेस्ट कप्तानी पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है, लेकिन मुंबई के इस बल्लेबाज को उनकी नेतृत्व क्षमता पर लगा प्रश्नचिह्न हटाना है तो अगले महीने वेस्टइंडीज दौरे पर उन्हें शानदार प्रदर्शन करना होगा। रोहित 12 जुलाई से वेस्टइंडीज के विरुद्ध हो रही दो टेस्ट मैचों की सीरीज में कप्तानी करेंगे, लेकिन संभवत: इसके बाद बीसीसीआई उनके इस प्रारूप में कप्तान बने रहने पर चर्चा अवश्य करेगा।
रोहित की कप्तानी पर लटकी तलवार
भारतीय टीम में इस मामले की जानकारी रखने वालों की मानें तो रोहित अगर खुद वेस्टइंडीज दौरे पर कप्तानी से हटने का निर्णय नहीं लेते हैं तो वह दौरे पर टीम की अगुवाई करेंगे। लेकिन अगर रोहित डोमीनिका और पोर्ट ऑफ स्पेन में होने वाले टेस्ट मैचों में कोई बड़ी पारी नहीं खेलते हैं तो बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों और चयनसमिति पर सख्त निर्णय लेने का दबाव बढ़ेगा। बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, फिलहाल रोहित को कप्तानी से हटाने की बातें निराधार हैं। लेकिन क्या वह पूरे दो वर्ष के डब्ल्यूटीसी चक्र में कप्तान बने रहेंगे, यह एक बड़ा प्रश्न है क्योंकि 2025 में रोहित की उम्र 38 वर्ष के करीब होगी। मेरा मानना है कि शिवसुंदर दास और उनके सहयोगियों को दो टेस्ट के बाद और उनकी बल्लेबाजी फॉर्म को देखते हुए फैसला करना होगा।
दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले हो सकता है निर्णय
सूत्रों के अनुसार, वेस्टइंडीज दौरे के बाद दिसंबर के अंत तक कोई टेस्ट नहीं है। इसके बाद भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेगी। इसलिए चयनकर्ताओं के पास विचार-विमर्श करने और निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय है। तब तक पांचवां चयनसमिति को नया अध्यक्ष भी मिल जाएगा और तब फैसला किया जा सकता है। जो लोग भारतीय क्रिकेट की जानकारी रखते हैं वे जानते हैं कि जब विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका में सीरीज हारने के बाद कप्तानी छोड़ी थी तो रोहित शुरुआत में कप्तान बनने को लेकर उत्सुक नहीं थे क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि उनका शरीर साथ देगा या नहीं। बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने उन्हें कप्तान बनने के लिए राजी किया था, क्योंकि केएल राहुल दक्षिण अफ्रीका में कप्तान के रूप में प्रभावित करने में विफल रहे थे।
नागपुर के चुनौतीपूर्ण विकेट पर आस्ट्रेलिया के विरुद्ध 120 रन के शानदार स्कोर को छोड़कर रोहित ने उस तरह की पारियां नहीं खेली हैं जैसी उनकी क्षमता के खिलाड़ी से उम्मीद की जाती है। रोहित के 2022 में टेस्ट कप्तानी संभालने के बाद से भारत ने 10 टेस्ट खेले, जिसमें से तीन में वह नहीं खेले। उन्होंने इस दौरान सात टेस्ट में 390 रन बनाए और उनका औसत रहा। उन्होंने इस दौरान एक शतक जड़ा लेकिन इसके अलावा कोई अन्य स्कोर 50 रन से ऊपर नहीं था। इस दौरान विराट कोहली ने सभी 10 टेस्ट खेले। उन्होंने 17 पारियों में 517 रन बनाए और अहमदाबाद में आस्ट्रेलिया के विरुद्ध 186 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा। चेतेश्वर पुजारा ने इस दौरान आठ टेस्ट की 14 पारियों में 482 रन बनाए जिसमें दो नाबाद पारियां भी शामिल रहीं। उनका औसत 40.12 रहा लेकिन उन्होंने 90 और 102 रन की दो पारियां बांग्लादेश की कमजोर टीम के खिलाफ खेली।