छत्तीसगढ़

क्या बिपरजॉय का मौसमी वर्षा प्रणाली पर पड़ेगा असर? मौसम विभाग ने बताया- 18 जून से आगे बढ़ेगा मानसून

नईदिल्ली : अरब सागर में उठा भीषण चक्रवात बिपरजॉय आज गुजरात में कच्छ तट से टकराएगा। इसे लेकर मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। इतना ही नहीं, सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारियां कर रखी हैं। इसी बीच, मानसून को लेकर भारतीय मौसम विभाग ने भी बड़ी जानकारी दी है। मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून केरल में शुरूआती देरी के बाद रविवार से देश के दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वी हिस्सों में आगे बढ़ने वाला है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात बिपरजॉय ने खुद को मानसून के प्रवाह से पूरी तरह अलग कर लिया है। उन्होंने पूरी तरह से साफ कर दिया है कि  मौसमी वर्षा प्रणाली की प्रगति पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर चक्रवात बिपरजॉय उत्तर-पश्चिम में ओमान की ओर बढ़ता तो इससे मानसूनी प्रवाह प्रभावित होता।

उन्होंने कहा कि चक्रवात ने भूमध्यरेखीय प्रवाह को मजबूत करके मानसून को आगे बढ़ने में मदद की है। यह दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। 18 से 21 जून के बीच दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ और हिस्सों और पूर्वी भारत और आसपास के क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल होती जा रही हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि हालांकि शुरुआत में अरब सागर में चक्रवात बिपरजॉय की उपस्थिति ने नमी और संवहन दोनों को खींचकर मानसून की शुरुआत की तीव्रता को कम कर दिया था। इसी के कारण केरल में मानसून ने देर से दस्तक दी। गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने भारत में आठ जून को दस्तक दी थी। सामान्यतया भारत में एक जून को केरल में सबसे पहले मानसून दस्तक दे देता है।

भारतीय मौसम विभाग के निदेशक ने यह भी कहा कि रिसर्च में पता चला है कि केरल में मानसून की शुरुआत में देरी का मतलब जरूरी नहीं कि उत्तर पश्चिम भारत में मानसून की शुरुआत में देरी हो। गौरतलब है कि इससे पहले, आईएमडी ने कहा था कि अल नीनो की स्थिति होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।
कहां-कहां कब होगी बारिश?

पूर्वोत्तर भारत: पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में अगले पांच दिन भारी बारिश की चेतावनी है। 15 से 17 जून को मेघालय में अत्यधिक बारिश होने का अनुमान है।

  • पूर्वी भारत : अगले पांच दिनों तक पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ बिजली चमकने का अनुमान है। अगले पांच दिनों के बीच हल्की बारिश भी हो सकती है। वहीं, सब हिमालयन पश्चिम बंगाल, सिक्किम के कुछ इलाकों में अगले पांच दिनों तक बारिश का अनुमान है। 17 जून को अंडमान निकोबार में बारिश हो सकती है। 
  • हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 14 और 15 जून को तेज हवाओं, चमक और गरज के साथ बारिश का अनुमान है। राजस्थान के भी कुछ इलाकों में 16 और 17 जून को बारिश हो सकती है। 
  • दिल्ली-एनसीआर में 15 जून को हीट वेव की चेतावनी है। 16, 17 और 18 जून को भी गर्मी बरकरार रहेगी, हालांकि इस बीच आसमान में हल्के बादल भी हो सकते हैं। तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से 42 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा।

अल-नीनो के कारण सामान्य वर्षा की संभावना
मौसम विभाग का कहना है कि इस साल बारिश सामान्य होगी। हालांकि, जून से सितंबर के दौरान ही अल-नीनो विकसित होने जा रहा है। इसकी वजह से मानसून सामान्य से कम रह सकता है। प्रशांत महासागर में अल नीनो पैटर्न विकसित होने की संभावना 90 फीसदी है। पहले भी भारत में अल नीनो औसत से कम बारिश करवा चुका है। जिन वर्षों में यह पैटर्न बनता है, उनमें सूखे व औसत से कम बारिश की आशंका बढ़ती है। यह फसलों को तबाह करता है, भारत को कई बार खाद्यान्नों का निर्यात भी रोकना पड़ा है।