छत्तीसगढ़

बिलासपुर : बंदी की सेंट्रल जेल में मौत, परिजन बोले-पिटाई से जान गई, सुबह से दोपहर तक इंतजार करता रहा भाई, बोला- जेल प्रबंधन ने मिलने नहीं दिया

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदी की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई। उसके परिजनों ने जेल प्रबंधन और कैदियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सुबह उसका भाई जेल में मिलने गया था। लेकिन, उसे नहीं बुलाया गया। बंदी के पीठ सहित शरीर में कई जगह चोट के निशान है। इधर, जेल प्रबंधन ने उसके बीमार होने पर इलाज के दौरान सिम्स में मौत होने की बात कही है।

सिविल लाइन थाना क्षेत्र के तालापारा भरत चौक स्थित गीतांजली कॉलोनी निवासी रानू उर्फ शाहिर अहमद पिता सिराज अहमद (51) को पुलिस ने 23 अप्रैल 2021 को जेल भेजा था। उसके खिलाफ मारपीट और एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज है और प्रकरण कोर्ट में लंबित है। बताया जा रहा है कि उसे जेल के जनरल वार्ड में रखा गया था।

जेल अधीक्षक बोले- मनोरोगी था बंदी, इलाज के दौरान हुई मौत
जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी ने बताया कि जेल आने के बाद से उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह मनोरोगी था और जेल में उसका इलाज चल रहा था। उसे रोज दवाई दी जाती थी और उसकी स्थिति सामान्य थी। सोमवार की रात अचानक उसकी तबीयत खराब हुई। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और तेज बुखार भी था। प्रारंभिक जांच और इलाज के बाद उसे रात 9 बजे सिम्स रेफर किया गया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

परिजन बोले- नहीं था बीमार
मृतक बंदी शाहिर अहमद के परिजनों का कहना है कि वह कोई मानसिक रोगी नहीं था। जेल में वह स्वस्थ्य था। परिजन लगातार उससे मिलने भी जाते थे और उसका हाल चाल लेते रहते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि जेल प्रबंधन अपनी गलती छिपाने के लिए उसे बीमार बता रहा है।

सुबह से दोपहर तक इंतजार करता रहा भाई
इधर शाहिर अहमद के भाई छोटे भाई जफर अहमद खान का आरोप है कि उन्हें मौत की सूचना मंगलवार दोपहर को दी गई। मौत के भी कारणों की भी जानकारी नहीं दी गई है। एक दिन पहले सोमवार को वह बड़े भाई से मिलने गया था। उसने चिट भी भेजा था। उसके इंतजार में दोपहर 2 बजे तक वह जेल के बाहर खड़ा रहा। लेकिन, उसे नहीं भेजा गया। परिजनों का कहना है कि वह जेल से पैदल चलकर आने की स्थिति में नहीं रहा होगा। या फिर चोट लगने और मारपीट की जानकारी बाहर परिजनों को होने के डर से उसे मिलने नहीं दिया गया होगा।