नईदिल्ली : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए एमआरएनए बूस्टर वैक्सीन लॉन्च की। एक बयान में कहा गया है कि भारत की पहली एमआरएनए वैक्सीन जैव प्रौद्योगिकी विभाग और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के फंडिंग सहायता के साथ विकसित की गई है।
बयान में आगे बताया गया है कि जेमकोवैक-ओएम कोविड-19 टीकों के त्वरित विकास के लिए सरकार के आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज के तहत डीबीटी और बीआईआरएसी द्वारा कार्यान्वित मिशन कोविड सुरक्षा के तहत विकसित पांचवां टीका है। इससे पहले भी कई टीके भारत में विकसित हो चुके हैं। वैक्सीन को हाल ही में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई थी I
बिना सूई के लगाई जा सकेगी वैक्सीन
लॉन्च के दौरान जितेंद्र सिंह ने कहा कि मौजूदा सप्लाई चेन बुनियादी ढांचा इस टीके को विकसित करने के लिए पर्याप्त है। इस वैक्सीन की खासियत यह कि इसका टीका सुई का इस्तेमाल किए बगैर भी लगाया जा सकता है। बयान के अनुसार यह एक ‘इंट्राडर्मल’ वैक्सीन है, जिसे एक सूई रहित उपकरण ‘ट्रॉपिस’ के जरिये दिया जाता है।
जेमकोवैक-ओएम (GEMCOVAC-OM) एक थर्मोस्टेबल वैक्सीन है, जिसका मतलब है कि इसे अन्य एमआरएनए (mRNA) वैक्सीन की तरह बेहद ठंडे तापमान पर रखने की जरूरत नहीं। बताया गया है कि यह वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर स्थिर रहता है।