छत्तीसगढ़

Hijab Row: मुस्लिम छात्राओं ने की ऑपरेशन थियेटर में हिजाब पहनने की मांग, कॉलेज ने कहा- ये संभव नहीं है

नईदिल्ली। कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद भले ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लंबित हो, लेकिन देश के अलग-अलग राज्यों में ये गाहे-बगाहे सिर उठा ही लेता है. ऐसा ही एक मामला केरल में भी सामने आया है. यहां के तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज की 7 मुस्लिम छात्राओं ने प्रिंसिपल से ऑपरेशन थियेटर में लंबी आस्तीन के स्क्रब जैकेट और सर्जिकल हुड पहनने की मांग की है.

खबर के मुताबिक, छात्राओं ने इस मांग के लिए हिजाब पहनने को जरूरी बताया है. छात्राओं ने हिजाब की जगह लंबी आस्तीन के स्क्रब जैकेट और सर्जिकल हुड को विकल्प के तौर पर पहनने की इजाजत मांगी है. इस मांग के लिए सात छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन को बाकायदा पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने ऑपरेशन थियेटर के अंदर हिजाब पहनने की इजाजत न मिलने पर पत्र लिखकर चिंता जताई है.

मुस्लिम छात्राओं ने पत्र में क्या लिखा?
रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली 7 मुस्लिम छात्राओं ने पत्र में लिखा है कि उन्हें अपनी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर हमेशा अपना सिर ढके रहना होता है. इस्लाम में मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है. 

पत्र के अनुसार, ऑपरेशन थियेटर में हिजाब पहनना संभव नहीं है. हिजाब पहनने वाली महिलाओं के लिए अस्पताल और ऑपरेशन थियेटर के नियमों का पालन करने और धार्मिक पोशाक पहनने के साथ-साथ विनम्रता बनाए रखने के बीच संतुलन बनाने में दिक्कत होती है.

कॉलेज प्रशासन का क्या है कहना?
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. लिनेट जे मॉरिस ने पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि वो लंबी आस्तीन वाले स्क्रब जैकेट और हुड का इस्तेमाल करना चाहती हैं. मैंने उनसे कहा कि ये संभव नहीं है, क्योंकि ऑपरेशन के दौरान आपको पूरे हाथ धोने होते हैं. हम एक संक्रमणहीन वातावरण के लिए वैश्विक मानकों को मानते हैं. मैंने उन्हें बता दिया है कि मैं उनकी इस मांग पर कुछ नहीं कर पाऊंगा.

उन्होंने कहा कि इसे लेकर सर्जन और इंफेक्शन कंट्रोल एक्सपर्ट्स की एक मीटिंग बुलाई गई है. मरीजों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम एक कमेटी बुलाएंगे, जिसमें दोनों पक्षों को देखा जाएगा. हमारा ध्यान मरीजों की सुरक्षा पर होगा, जिसके साथ कोई समझौता नहीं हो सकता.