छत्तीसगढ़

KGF कॉपीराइट मामले में राहुल गांधी और जयराम रमेश को राहत नहीं, हाई कोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार

बेंगलुरु : कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिट फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर-2’ के संगीत के कथित कॉपीराइट उल्लंघन मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जयराम रमेश और सुप्रिया श्रीनेत के खिलाफ दायर प्राथमिकी निरस्त करने से इनकार कर दिया है. जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने बुधवार ( 29 जून) को तीन कांग्रेस नेताओं की ओर से दायर याचिका खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया.

कॉपीराइट उल्लंघन मामले की शिकायत लहरी म्यूजिक की सहयोगी कंपनी एमआरटी म्यूजिक के एम. नवीन कुमार ने बेंगलुरु के यशवंतपुर थाने में दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया था कि कांग्रेस पार्टी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के एक प्रचार वीडियो में फिल्म के संगीत का इस्तेमाल किया, जबकि इस पर उनका कॉपीराइट है.

इन धाराओं के तहत दर्ज है केस
सिंगल बैंच ने याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ताओं ने बिना अनुमति के ‘सोर्स कोड’ के साथ छेड़छाड़ की है, जो निस्संदेह कंपनी के कॉपीराइट का उल्लंघन होगा. ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ताओं ने कंपनी के कॉपीराइट को हल्के में ले लिया है. इसलिए प्रथम दृष्टया जांच में सबूत के तौर पर इन सभी को खारिज कर दिया जाना चाहिए.’

यह प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-34 (सामान्य इरादे से आपराधिक कृत्य) के साथ पठित धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा- 403 (संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग), धारा 465 (जालसाजी), और कॉपीराइट अधिनियम की धारा 33 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 के तहत दर्ज की गई थी.

कांग्रेस नेताओं की ओर से दी गई दलील 
इस पर कोर्ट को कांग्रेस नेताओं की ओर से दलील दी गई कि मामला कॉपीराइट उल्लंघन से जुड़ा है, लेकिन आपराधिक शिकायत दर्ज की गई और पुलिस ने तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर ली. कांग्रेस नेताओं की ओर से पेश वकील ए एस पोनन्ना ने दलील दी थी, ‘कॉपीराइट वैधानिक अधिकार है. संज्ञेय अपराध की प्रकृति न होने की स्थिति में (यह) प्राथमिकी कानून की दृष्टि में खराब है.’

एक मामला वाणिज्यिक अदालत में दायर किया गया था, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी का सोशल मीडिया अकाउंट को ‘‘फ्रीज’’ करने का आदेश दिया गया था लेकिन कांग्रेस की ओर से संबंधित वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने का वचन (अंडरटेकिंग) दिए जाने के बाद हाई कोर्ट ने अकाउंट ‘‘फ्रीज’’ किए जाने से संबंधित आदेश खारिज कर दिया.