मुंबई : मुंबई हाईकोर्ट ने बुधवार (28 जून) देर रात को बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को बकरीद पर कुर्बानी को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं. इन निर्देशों में उसने यह स्पष्ट करने को कहा है कि बकरीद के दिन वो ये सुनिश्चित करें कि किसी भी घर में कुर्बानी नहीं दी जानी चाहिए.
बॉम्बे हाईकोर्ट में मुंबई की ही एक सोसाइटी नैथानी हाइट्स में एक मामले को सुनते हुए याचिका दायर की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने अदालत से खुले में या घरों में कुर्बानी देने से रोक लगाने का आग्रह किया था. जिसके बाद जस्टिस जीएस कुलर्कणी और जितेंद्र जैन की पीठ ने कहा, बीएमसी या नगर निगम ने जिन जगहों पर जानवरों की कुर्बानी के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है, तो वह सुनिश्चित करें वहां पर कुर्बानी नहीं दी जानी चाहिए.
कुर्बानी के मुद्दे पर कोर्ट क्यों कूदी?
दरअसल मुंबई हाईकोर्ट में कल शाम जब यह याचिका मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट में दायर की गई तो उन्होंने इस मामले की तत्तकाल सुनवाई करने के लिए दो जजों के एक पैनल को नियुक्त किया. मामले को सुनने के बाद अदालत ने शाम 7 बजे यह फैसला सुनाया और बीएमसी को आदेश देते हुए उसका पालन सुनिश्चित करने को कहा. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुभाष झा ने बहस की और उन्होंने आज दी जाने वाली कुर्बानियों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की.
वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद बीएमसी के वकील जोएल कार्लोस ने बेंच को बताया कि बीएमसी ने हाउसिंग सोसाइटी में ही बकरीद के दिन एक तय की गई जगह में कुर्बानी की इजाजत पहले से ही दी हुई है. हालांकि बीएमसी इस सोसाइटी में एक अधिकारी को इस दौरान जांच के लिए जरूर भेजेंगे कि आखिर यहां नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं. किसी नियम का उल्लंघन होने पर लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
कार्लोस ने बेंच को बताया कि लेकिन किसी को कुर्बानी देने से प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है.