रेवाड़ी: पिछले काफी समय से वृद्धावस्था पेंशन और घर की मरम्मत कराने के लिए चक्कर काट रहा एक बुजुर्ग बुधवार को रेवाड़ी जिला सचिवालय में सेहरा बांधकर पहुंच गया। जिला सचिवालय में पहुंचकर उसने अधिकारियों से कहा कि उसका ब्याह करा दो। दरअसल उनका परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) नहीं बन पा रहा है। इस कारण वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल पा रही है।
रेवाड़ी शहर के नया गांव में रहने वाले 72 वर्षीय सत्यवीर सिंह जब भी सचिवालय में परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए जाते तो अधिकारी उन्हें यह कहकर टरका देते कि अकेले व्यक्ति का पहचान पत्र नहीं बन सकता। परेशान होकर बुधवार को यह व्यक्ति सेहरा बांधकर जिला सचिवालय पहुंच गया और अधिकारियों से कहने लगा कि उसकी शादी करा दो। ये बातें सुनकर जिला सचिवालय में मौजूद लोग व कर्मचारी अचंभित रह गए।
सत्यवीर की कोई संतान नहीं
सत्यवीर सिंह ने कहा कि उनकी पत्नी का 6 वर्ष पूर्व देहांत हो गया। उनकी कोई संतान नहीं है। आजीविका का कोई साधन भी नहीं है। ऐसे हालात में वह जब अपनी वृद्धावस्था पेंशन बनवाने व सरकार की योजना के अनुसार जर्जर मकान की मरम्मत के लिए सहायता राशि प्राप्त करने के लिए जब अधिकारियों के पास पहुंचा तो उसे परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) बनवाने के लिए कहा गया। जब वह पीपीपी बनवाने के लिए संबंधित विभाग में पहुंचा तो उसे यह कहकर टाल दिया गया कि सरकार द्वारा अकेले व्यक्ति का पीपीपी बनाने का कोई नियम नहीं है।
उपायुक्त ने कही ये बात
उनकी मदद कर रहे जिला बार एसोसिएशन के सदस्य कैलाश चन्द भी सचिवालय पहुंचे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व सचिव सिटीजन रिसोर्स इन्फोरमेंशन डिपार्टमेंट को भी पत्र भेजे गए हैं। रेवाड़ी के उपायुक्त मोहम्मद रजा ने इस मामले में कहा कि बुजुर्ग को आश्वासन दिया है कि समस्या का समाधान कराया जाएगा। प्रत्येक नागरिक का सरकार की योजनाओं का लाभ लेने का अधिकार है।