नईदिल्ली : सैफ चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में भारतीय फुटबॉल टीम ने लेबनान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हरा दिया। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया फाइनल में पहुंच गई। वहां उसका मुकाबला चार जुलाई को कुवैत से होगा। निर्धारित 90 मिनट तक 0-0 की बराबरी के बाद मैच एक्स्ट्रा टाइम में चला गया। एक्स्ट्रा टाइम में भी दोनों टीमें एक भी गोल नहीं कर पाईं। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में मैच का फैसला हुआ। टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने यहां शानदार प्रदर्शन करते मैच को अपने नाम कर लिया।
टीम इंडिया इस टूर्नामेंट में अब तक एक भी मैच नहीं हारी है। उसने पाकिस्तान और नेपाल को शिकस्त दी थी। वहीं, कुवैत के खिलाफ उसका अंतिम ग्रुप मैच 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुआ था। अब उसने लेबनान को हराकर जीत के क्रम को जारी रखा है। भारत ने इस महीने की शुरुआत में ओडिशा में इंटरकाॅन्टिनेंटल कप के लीग मैच में लेबनान को गोलरहित ड्रॉ पर रोका था। उसके बाद टूर्नामेंट के फाइनल में उसे 2-0 से हराकर खिताब अपने नाम किया था। भारत ने एक बार फिर से लेबनान को हार का स्वाद चखाया है।
पेनल्टी शूटआउट का रोमांच
भारत
खिलाड़ी | प्रदर्शन |
सुनील छेत्री | गोल |
अनवर अली | गोल |
महेश सिंह | गोल |
उदांता सिंह | गोल |
लेबनान
खिलाड़ी | प्रदर्शन |
हसन माटुक | गोल नहीं कर पाए |
वालिद | गोल |
मोहम्मद सादिक | गोल |
खली बादेर | गोल नहीं कर पाए |
नौवीं बार चैंपियन बनने पर भारत की नजर
भारत 13वीं बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा है। वह सबसे ज्यादा आठ बार चैंपियन बना है। चार बार टीम उप-विजेता रही है। सुनील छेत्री की कप्तानी में भारतीय टीम की नजर नौवीं बार चैंपियन बनने पर होगी।
कप्तान सुनील छेत्री ने मैच को लेकर क्या कहा?
मैच के बाद छेत्री ने कहा, ”यह मुकाबला काफी कड़ा था। लेबनान के खिलाफ खेलना आसान नहीं होता। हमने अच्छा प्रदर्शन किया। अभी फाइनल के बारे में हम नहीं सोच रहे। यहां से जाने के बाद आराम करेंगे और फिर फाइनल की तैयारी करेंगे।”
कोच स्टिमैक की नहीं मिलीं सेवाएं
भारतीय टीम को एक बार फिर से मुख्य कोच इगोर स्टिमैक की सेवाएं नहीं मिलीं। कुवैत के खिलाफ मैच के दौरान क्रोएशिया के इस पूर्व दिग्गज को टूर्नामेंट के दौरान दूसरी बार रेड कार्ड दिखाया गया था। स्टिमैक को पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में भी रेड कार्ड दिखाया गया था। इस कारण वह नेपाल के खिलाफ मैच में डग आउट से बाहर थे। स्टिमैक पर कुवैत के खिलाफ रेड कार्ड मिलने के कारण दो मैचों का प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा उन्हें 41 हजार रूपये भी जुर्माने के रूप में देने पड़े हैं।