छत्तीसगढ़

पेट्रोल से महंगा हुआ टमाटर, हरी मिर्च 500 तक पहुंची, किन सब्जियों के दाम कितने बढ़े, राहत कब?

नई दिल्ली। टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में यह 150 से 180 रुपये किलो तक बिक रहा है। टमाटर के साथ ही धनिया, मिर्ची से लेकर अदरक तक की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। इस बीच, सरकार ने कहा है कि ये कीमतें मौसमी हैं और 15 दिन में दाम घट जाएंगे। 

सब्जियों के बढ़ते दाम से परेशान कई लोगों का कहना है कि उन्होंने टमाटर खाना ही छोड़ दिया है। ऐसे में जानना जरूरी है कि देश में टमाटर के दाम कहां कितने हैं? और किन सब्जियों के दाम में बीते दिनों में भारी इजाफा हुआ है? कीमतें बढ़ने की वजह क्या है? बढ़े दाम पर सरकार क्या कह रही है? ये कीमतें कब तक कम हो जाएंगी? 

Vegetable Prices: Tomatoes costlier than petrol and green chillies reached up to 500, here is the price list

देश में टमाटर के दाम कहां कितने हैं? 
राजधानी दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में एक विक्रेता ने बताया कि इस समय में टमाटर महंगा हो जाता है, टमाटर सिर्फ दो जगह से आता है- शिमला और बेंगलुरु। यहां पर महंगाई की वजह बारिश है। टमाटर 100-150 रुपए किलो बिक रहा है जिससे लोगों को खरीदने में दिक्कत हो रही है।

दिल्ली की सफल स्टोर में टमाटर 129 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। एक ग्राहक ने बताया, ‘आम आदमी को बहुत मुश्किल हो रहा है, हमने तो टमाटर खाना ही छोड़ दिया। कल मार्केट में गया था तो वहां पर टमाटर 160 रुपए था और यहां पर 129 रुपए है। सरकार को इस पर सोचना चाहिए।’

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी कीमतें लोगों की जेबों पर भारी पड़ रही हैं। यहां टमाटर की कीमतें रिकॉर्ड 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गईं हैं। बिहार की राजधानी पटना में टमाटर और सब्जियों की कीमत में वृद्धि हुई। यहां टमाटर की कीमत 120-140 रुपए किलो हो गई है। बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो गई है इसलिए इससे सभी को काफी दिक्कत हो रही है।

झारखंड की राजधानी रांची में टमाटर और सब्जियों की कीमतों अधिक हैं। एक ग्राहक ने बताया, ‘टमाटर इतना महंगा हो गया है कि खरीदना मुश्किल हो गया है। पेट्रोल से ज्यादा महंगा टमाटर हो गया है लेकिन खाना है तो खरीदना पड़ रहा है।’

उत्तर प्रदेश के शहरों में लोग टमाटर के बढ़ते दाम से परेशान हैं। प्रयागराज में एक विक्रेता ने बताया, ‘फसल खराब होने से बहुत दिक्कतें हो रही हैं। टमाटर बेंगलुरु से आ रहा है। टमाटर 120-140 रुपए किलो चल रहा है इसलिए लोग कम खरीद रहे हैं।’ वहीं मुरादाबाद में सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। यहां पर टमाटर 150 रुपए किलो चल रहा है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में राशन की दुकानों में टमाटर 60 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। दरअसल यहां राज्य सरकार द्वारा इन दुकानों में रियायती दरों पर टमाटर की बिक्री की जा रही है। 

टमाटर की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
दिल्ली की आजादपुर टमाटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक ने बताया, ‘टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी प्रमुख उत्पादक केंद्रों से आपूर्ति में कमी के कारण हुई है। बारिश के कारण आपूर्ति बाधित है। बारिश के कारण पड़ोसी राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आपूर्ति जल्दी खत्म हो गई। हिमाचल प्रदेश ही दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए एकमात्र आपूर्तिकर्ता है। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों में दक्षिणी राज्यों में बारिश की स्थिति में सुधार होने पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में टमाटर की आपूर्ति में सुधार होने की उम्मीद है, तब तक कीमत स्थिर रहेगी।

पश्चिम बंगाल में कुछ हफ्ते पहले जो टमाटर 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, अब उसकी कीमत 130-150 रुपये हो गई है। पश्चिम बंगाल वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल डे ने कहा कि अत्यधिक गर्मी और बारिश की कमी के कारण कीमतों में वृद्धि हुई है। 

टमाटर के अलावा किन सब्जयों के दाम बढ़े हैं?
पूर्वोत्तर राज्य असम के गुवाहाटी में तो हरी मिर्च 450-500 रुपये प्रति किलो बिक रही है। कई जगह हरी मिर्च 300-350 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिक रही है, जो एक सप्ताह पहले 150 रुपये प्रति किलोग्राम थी। पिछले 15 दिनों में ओडिशा में सब्जियों की कीमतों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यहां भी हरी मिर्च करीब 200 रुपये किलो और अदरक 300 रुपये किलो बिक रहा है। भोपाल के विट्ठल मार्केट में धनिया 125 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

फूलगोभी की कीमत 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है, जो मई शुरुआत में 40 रुपये प्रति किलो थी। इसी तरह, पत्तागोभी की कीमत 30-40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। आलू और प्याज की कीमत मई की शुरुआत में 20 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर जुलाई में 30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। बताया गया कि बाढ़ और बारिश के कारण अन्य हरी सब्जियों की कीमतें भी ऊंची हैं।

सब्जियों के दामों में वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब देश मुद्रास्फीति में कमी की उम्मीद कर रहा था। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में 4.25% प्रतिशत रही जो अप्रैल में 4.7 प्रतिशत थी। सब्जियों की कीमतों में तेज वृद्धि ने घरेलू बजट पर और दबाव डाला है।  

ये कीमतें कब तक कम हो जाएंगी? 
केंद्र सरकार का कहना है कि टमाटर की कीमत में वृद्धि एक मौसमी घटना है। इस समय, आम तौर पर कीमतें अधिक होती हैं और वे अगले 15 दिनों में कम हो जाएंगी। आजादपुर टमाटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक ने कहा कि अगले 15 दिनों में दक्षिणी राज्यों में बारिश की स्थिति में सुधार होने पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में टमाटर की आपूर्ति में सुधार होने की उम्मीद है, तब तक कीमत स्थिर रहेगी। वहीं, पश्चिम बंगाल वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल डे ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक पखवाड़े के भीतर कीमतें कम हो जाएंगी, क्योंकि मानसून की बारिश से फसलों के पुनर्जीवित करने की उम्मीद है। 

Vegetable Prices: Tomatoes costlier than petrol and green chillies reached up to 500, here is the price list

सब्जियों के बढ़े दाम पर केंद्र सरकार क्या कह रही है?
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि टमाटर एकमात्र ऐसी वस्तु है जिसकी कीमत सप्ताह के दौरान बढ़ी है। हम सभी जानते हैं कि बेमौसम बारिश के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ी हैं। गोयल के मुताबिक जैसे ही हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के साथ कुछ अन्य स्थानों से टमाटर आना शुरू हो जाएगा, कीमतें कम हो जाएंगी। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि अगर हम पिछले साल से कीमतों की तुलना करें तो ज्यादा अंतर नहीं है। आलू और प्याज की कीमतें नियंत्रण में हैं।