छत्तीसगढ़

अजित को शरद पवार की खरी-खरी; बोले- 82 साल का हो जाऊं या 92 का, मैं अभी भी कर रहा हूं काम

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में फूट के बाद दोनों गुटों में कब्जे को लेकर तेज हुई लड़ाई के बीच शरद पवार ने गुरुवार को पार्टी पर अपने अधिकार को लेकर फिर से मजबूत दावेदारी करते हुए कहा कि राकांपा का अध्यक्ष मैं ही हूं। अजीत गुट के दावों में कोई सच्चाई नहीं है। पूरी पार्टी मेरे साथ खड़ी है। इस बीच, उनके नेतृत्व में दिल्ली स्थित उनके आवास पर हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में प्रफुल पटेल, सुनील तटकरे और महाराष्ट्र की राजग सरकार में शामिल हुए पार्टी के नौ विधायकों को पार्टी से निष्कासित करने के फैसले का एलान भी किया गया। हालांकि इसे लेकर पारित प्रस्ताव में फूट के मुख्य सूत्रधार अजीत पवार का कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया।

पार्टी में कोई फूट नहीं

शरद पवार ने फिर से पार्टी को खड़ा करने की बात कही, साथ ही यह भी कहा कि उन्हें देशभर से इसके लिए भारी समर्थन मिल रहा है। पार्टी में फूट और दूसरे गुट की ओर पार्टी पर दावेदारी को लेकर चुनाव आयोग के पास जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई फूट नहीं पड़ी है। कुछ लोगों ने भाजपा के लालच में आकर पार्टी को छोड़ा है। ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्यसमिति ने कार्रवाई की है। रही बात चुनाव आयोग की, तो उन्हें आयोग पर पूरा भरोसा है। आयोग सही निर्णय लेगा।

पवार का भाजपा पर निशाना

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह विपक्षी पार्टियों को ईडी-सीबीआइ का डर दिखाकर परेशान कर रही है, लेकिन अब ज्यादा समय नहीं बचा है। कुछ महीनों बाद चुनाव होंगे, जिनमें जनता इन्हें जवाब देगी। महाराष्ट्र में पहले शिवसेना और अब राकांपा में टूट की खबरों एवं उठापटक के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह इससे खुश हैं क्योंकि जनता देख रही है कि जिसे उन्होंने चुनकर भेजा था, वह कहां चले गए। इन सबको अब जनता पहचान लेगी और करारा जवाब देगी। पवार ने विपक्षी एकता की मजबूती पर बल दिया और कहा- हम सभी एक साथ हैं एवं मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

इस बीच, उनके आवास पर दिनभर पार्टी नेताओं का भारी जमघट रहा। इससे पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में लिए गए फैसलों की पार्टी नेता पीसी चाको ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में 27 प्रदेश इकाइयों ने शरद पवार का ही समर्थन किया है। इनमें से करीब 12 राज्यों के अध्यक्ष बैठक में मौजूद रहे, जबकि बाकी राज्यों ने लिखित में समर्थन दिया।

बागी विधायक पार्टी से निष्कासित

पार्टी ने एक प्रस्ताव भी पारित किया जिसमें प्रफुल पटेल, सुनील तटकरे (दोनों सांसद) सहित महाराष्ट्र सरकार में शपथ लेने वाले सभी नौ विधायकों को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया। पार्टी ने इस दौरान शरद पवार पर अपना भरोसा जताया और कहा कि वह पार्टी के अध्यक्ष हैं। उन्हें यह अधिकार भी दिया कि जो भी पार्टी की नीतियों और विचारधारा के विरुद्ध काम कर रहे हैं उनके विरुद्ध वह सख्त कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। बैठक में मणिपुर हिंसा की भी निंदा की गई।

मैं 82 का हूं या 92 का, इससे कोई फर्क नहीं

शरद पवार ने पत्रकारों से चर्चा में अजीत पवार की ओर से उनकी उम्र को लेकर उठाए गए सवालों पर कहा कि मैं 82 का हूं या 92 का, इससे कोई फर्क नहीं है। मैं अभी सक्रिय हूं और उन्हें झूठ का जवाब देने के लिए भी तैयार हूं।

राहुल गांधी भी मिलने पहुंचे

शरद पवार से मिलने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी उनके आवास पर पहुंचे। जहां वह काफी समय तक रहे। उन्होंने शरद पवार का पूरा समर्थन किया और कहा कि इस घटनाक्रम से विपक्षी एकता को और ताकत मिलेगी। बैठक के दौरान शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी मौजूद रहीं।