नई दिल्ली: सितंबर 2021 की बात है जब कन्हैया कुमार सीपीआई का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनको पार्टी में राहुल गांधी ने शामिल कराया था। उनके पार्टी में शामिल होने के बाद से ही यह चर्चा थी कि उनको क्या जिम्मेदारी मिलेगी। धीरे-धीरे समय बीतता गया और उनकी पार्टी में क्या भूमिका होगी इसको लेकर कयास लगाए जाने लगे। पहले बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा हुई लेकिन थोड़े दिन बाद इस पर भी विराम लग गया। इस बीच राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकलते हैं और उनके साथ सभी जगहों पर कन्हैया कुमार भी दिखाई देते हैं। कन्हैया कुमार भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पार्टी की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी नजर आते हैं। वह मीडिया को भी संबोधित करते हैं।
पार्टी की वह बात रखते हैं। इस यात्रा के बाद एक बार फिर यह चर्चा तेज हो गई कि कोई बड़ा पद उनको पार्टी दे सकती है। चर्चा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की शुरू हो जाती है। इस बीच गुरुवार को उनको भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) का प्रभारी नियुक्त किया है। एक ओर प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा थी तो वहीं दूसरी ओर पार्टी की ओर से उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) का प्रभारी नियुक्त किया है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कन्हैया को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का प्रभारी (एनएसयूआई) नियुक्त किया। इससे पहले रूचि गुप्ता एनएसयूआई की प्रभारी थी जिन्होंने करीब ढाई साल पहले पद से इस्तीफा दे दिया था।
कन्हैया कुमार भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वह काफी सक्रिय थे। वह एक अच्छे वक्ता हैं। केंद्र सरकार खासकर पीएम मोदी पर भी हमलावर रहते हैं। पहले तो यह सवाल था कि उनको कांग्रेस बिहार से क्यों दूर रख रही है। बिहार और उसके बाहर भी यह चर्चा चली कि बिहार में गठबंधन के सहारे पार्टी है इस वजह से उनको वहां से दूर रखा जा रहा है। इस बीच कन्हैया कुमार के पास कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं थी। भारत जोड़ो यात्रा के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई।
यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास का कार्यकाल पूरा होने वाला है ऐसे में यह भी चर्चा थी कि उन्हें यह जिम्मेदारी दी जाए। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष या यूथ कांग्रेस अध्यक्ष, इन दो में से कोई एक पद। युवाओं के बीच कन्हैया कुमार की अच्छी पकड़ मानी जाती है। हालांकि आज इन सभी चर्चाओं पर विराम लग गया। बिहार के बेगूसराय के रहने वाले कन्हैया कुमार ने पिछले लोकसभा चुनाव में सीपीआई ने टिकट दिया था।
वह बेगूसराय सीट से सीपीआई के कैंडिडेट थे और मजबूती के साथ चुनाव भी लड़े। जब सीपीआई का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए उस वक्त यह कहा गया कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा CPI में रहते पूरी नहीं हो सकती है। इसीलिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी का हाथ थामा है। दूसरी ओर यह भी कहा गया कि आरजेडी पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस के पास एक चेहरा होगा। जो अपने ही अंदाज में इस काम को बखूबी अंजाम दे सकता है। फिलहाल दोनों ही बात पूरी होती नहीं दिख रही।