छत्तीसगढ़

राहुल को उनके बयानों ने कब-कब कानूनी पचड़े में फंसाया? महाराष्ट्र-झारखंड से असम तक चल रहे मामले

नई दिल्ली। गुजरात हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने राहुल गांधी पर तल्ख टिप्पणी भी की। कोर्ट ने ये भी कहा कि राहुल ने पुनर्विचार याचिका के लिए जो आधार बनाया है, वो कमजोर है। 

न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने राहुल की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कई बातों का जिक्र किया। इसमें उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे दस मामलों का भी जिक्र किया। ये वो मामले हैं, जो राहुल गांधी के विवादित बयानों के बाद दर्ज हुए हैं। आइए जानते हैं राहुल के खिलाफ चल रहे मामलों के बारे में…  

पहले जानिए कोर्ट ने राहुल गांधी पर चल रहे मामलों के बारे में क्या कहा? 
जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने कहा कि राहुल गांधी बिल्कुल गैर-मौजूद आधार पर दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। उनके खिलाफ 10 मामले लंबित हैं। एक शिकायत कैंब्रिज में राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर के खिलाफ शब्दों का इस्तेमाल करने के बाद वीर सावरकर के पोते द्वारा पुणे कोर्ट में दायर किया गया है। 

अब जानिए उन मामलों के बारे में, जिसका कोर्ट ने जिक्र किया 

केस-1 : इसी मामले में राहुल को सजा हुई है
2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में राहुल के खिलाफ तीन केस दर्ज हुए थे। 

केस-2 : महात्मा गांधी की हत्या को RSS से जोड़ने के लिए
राहुल गांधी ने मार्च 2014 में ठाणे जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए RSS पर विवादित बयान दिया था। राहुल पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि आरएसएस के लोगों ने ही महात्मा गांधी की हत्या की थी। इस बयान से विवाद खड़ा हो गया। आरएसएस की भिवंडी इकाई के प्रमुख राजेश कुंटे ने आरएसएस को बदनाम करने के लिए राहुल पर मुकदमा दायर किया। इस मामले में मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है क्योंकि शिकायतकर्ता अभी तक कोई गवाह नहीं ला पाया है। 2016 में गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर अपने हलफनामे में स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को संस्था के रूप में दोषी नहीं ठहराया।

केस-3 : मंदिर में प्रवेश को लेकर राहुल के बयान से विवाद 
दिसंबर 2015 में, असम विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चल रहे थे। इस बीच, राहुल गांधी को बारपेटा सत्र मठ का दौरा करना था, लेकिन बाद में उन्होंने दावा किया कि आरएसएस के लोगों ने उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था। इसके तुरंत बाद, आरएसएस कार्यकर्ता अंजन बोरा ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने महिला श्रद्धालुओं का अपमान किया। 

केस-4 : अमित शाह और अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक पर नोटबंदी पर टिप्पणी को लेकर
जून 2018 में, राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर अमित शाह पर अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक होने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी के दौरान बैंक ने पांच दिन के भीतर 750 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदले हैं। कांग्रेस नेता ने यह आरोप लगाने के लिए एक आरटीआई जवाब का हवाला दिया। इस मामले मं भी राहुल पर मामला दर्ज है। ये मामला भी अभी कोर्ट में लंबित है। 

केस-5 : पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को आरएसएस से जोड़ने पर 
पत्रकार गौरी लंकेश की 2017 में बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के कुछ ही घंटों के भीतर राहुल गांधी ने एक प्रेस वार्ता की। इसमें उन्होंने आरएसएस पर निशाना साधा। राहुल ने कहा, ‘जो कोई भी भाजपा की विचारधारा के खिलाफ, आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ बोलता है उस पर दबाव डाला जाता है। पीटा जाता है, हमला किया जाता है और यहां तक कि उसे मार दिया जाता है।’ इस बयान को लेकर राहुल के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि और एक नागरिक मुकदमा दायर किया गया है। मामला अभी कोर्ट में लंबित है। 

केस-6 : पीएम मोदी पर की थी विवादित टिप्पणी 
सितंबर 2018 में राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर राहुल गांधी ने भाजपा पर तंज कसा था। राहुल ने एक फ्रांसीसी प्रकाशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘भारत के कमांडर-इन-चोर के बारे में दुखद सच्चाई।’ इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा गया था, जिन पर कांग्रेस नेता ने रिलायंस को फायदा पहुंचाने के लिए सौदे में बदलाव करने का आरोप लगाया था। इस मामले में गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज है। यह मामला गुड़गांव की एक अदालत में लंबित है।

केस-7 : अमित शाह के खिलाफ विवादित टिप्पणी
2019 में मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने गृहमंत्री अमित शाह पर विवादित टिप्पणी की थी। राहुल ने अमित शाह को हत्या का आरोपी बताया था। तब अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। राहुल ने कहा, ”हत्यारोपी भाजपा प्रमुख अमित शाह, वाह, क्या शान है…।’ इस बयान के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी। अभी ये मामला लंबित है। 

केस-8 : अमित शाह पर टिप्पणी का एक मामला झारखंड में भी
जबलपुर की तरह ही राहुल ने झारखंड में भी अमित शाह पर विवादित बयान दिया था। 2019 में राहुल गांधी ने झारखंड में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान विवादित भाषण दिया था। यहां भी उन्होंने अमित शाह को हत्या का आरोपी बताया था। इस बयान पर दो मानहानि के मामले दायर किए गए। एक चाईबासा जिले में और दूसरा रांची में भाजपा कार्यकर्ता प्रताप कटियार और नवीन झा द्वारा। ये मामले भी अभी लंबित हैं। 

केस-9 : सावरकर पर टिप्पणी करने पर भी चल रहा मामला
राहुल गांधी के खिलाफ साल 2022 में नया मानहानि का केस दायर हुआ है। राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विनायक दामोदर सावरकर पर टिप्पणी की थी। एक प्रेस वार्ता में राहुल ने कहा, ‘सावरकर ने आजादी से पहले अंग्रेजों को माफी पत्र पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को धोखा दिया।’ इस मामले में वीर सावरकर के पोते विनायक सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। 

इनके अलावा भी राहुल के खिलाफ कई मामले दर्ज
राहुल गांधी ने 2019 के अपने चुनावी हलफनामे में भी कई केस का जिक्र किया है। इनमें चार मामले आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दर्ज हुए हैं। ये मामले महाराष्ट्र, झारखंड, असम में दर्ज हुए हैं। इसके अलावा दिल्ली में आईपीसी की धारा 403, 406, 420 और 120B के तहत भी केस दर्ज हुआ है।