नईदिल्ली : त्रिपुरा विधानसभा में शुक्रवार का दिन हंगामे से भरा रहा. यहां विपक्षीदल के विधायकों ने बजट भाषण के दौरान जमकर हंगामा किया और नारेबाजी भी की. असल में बीते सत्र में भाजपा विधायक जादब लाल नाथ सदन के दौरान अश्लील क्लिप देखते पाए गए थे. इस पर चर्चा की अनुमति नहीं देने और कार्रवाई को लेकर स्पीकर की ओर से न में जवाब मिलने पर विपक्षी दलों के विधायकों ने बवाल काटा.
इस बात पर हो रहा था विरोध
जैसे ही विपक्षी विधायकों ने वेल में विरोध प्रदर्शन किया, स्पीकर बिस्वा बंधु सेन ने पांच विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया. इसके बाद विपक्षी दलों के विधायकों ने वाकआउट कर दिया. हालांकि, सीएम माणिक साहा के अनुरोध के बाद स्पीकर ने कुछ समय बाद निलंबन आदेश वापस ले लिया. निलंबन वापसी के बाद पांचों विधायक सदन में लौट आए, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक के खिलाफ उनके “कदाचार” के लिए कार्रवाई की जाए. स्पीकर के इनकार करने पर विपक्षी खेमा दूसरी बार सदन से वॉकआउट कर गया.
इन विधायकों को किया गया था निलंबित
निलंबित किए गए विधायकों में सीपीआई (एम) विधायक नयन सरकार, कांग्रेस सदस्य सुदीप रॉय बर्मन और टिपरा मोथा के तीन विधायक, बृशकेतु देबबर्मा, नंदिता रियांग और रंजीत देबबर्मा शामिल थे. इन्हें बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए निलंबित कर दिया गया. टिपरा मोथा के विधायक अनिमेष देबबर्मा ने भाजपा विधायक जादब लाल नाथ के मामले पर चर्चा की मांग की थी. जादब लाल सदन के अंदर अपने मोबाइल फोन पर पोर्न देखते पाए गए थे. यह घटना तब हुई जब 30 मार्च को सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में कार्यवाही चल रही थी और इसका एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. नाथ ने दावा किया था कि कॉल आते ही उनके फोन पर अश्लील वीडियो आने लगे.
बजट भाषण शुरू होते ही हुआ विरोध
अनिमेष देबबर्मा इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाना चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी और वित्त मंत्री प्रणजीत सिंघा रॉय से चालू वित्त वर्ष के लिए राज्य का बजट पेश करने को कहा. स्पीकर के फैसले से नाराज टिपरा मोथा विधायक जादब लाल नाथ मुद्दे पर चर्चा की मांग जोर-शोर से करने लगे. जैसे ही वित्त मंत्री ने बजट भाषण शुरू किया, सीपीआई (एम) और कांग्रेस विधायक भी विरोध में शामिल हो गए. अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों को अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा और संकेत दिया कि उन्हें निलंबित किया जा सकता है, लेकिन इसके बाद विधायकों ने वॉकआउट कर दिया.
निंदा प्रस्ताव की कर रहे थे मांग
अवकाश के बाद जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के प्रस्ताव के बाद पांचों विधायकों के खिलाफ निलंबन वापस लेने की घोषणा की. सदन में शामिल होते हुए विपक्षी नेता अनिमेष देबबर्मा और कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने निलंबन हटाने के स्पीकर के कदम का स्वागत किया, लेकिन जादब लाल नाथ के खिलाफ कार्रवाई पर जोर दिया. उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया कि सदन में भाजपा विधायक के “कदाचार” के लिए कम से कम उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया जाए, लेकिन सेन ने इस बार भी कार्रवाई नहीं की. इसके बाद सभी विपक्षी सदस्य एक बार फिर सदन से वॉकआउट कर गए.