रायपुर ।प्रदेश में सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल पर गए कर्मचारियों पर सरकार ने सख्ती दिखाई है। सामान्य प्रशासन विभाग की अवर सचिव अंशिका ऋषि पाण्डेय ने सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टर्स को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है। प्रदेशभर के सरकारी कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर थे। पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे के चलते रायपुर कलेक्ट्रेट छोड़कर पूरे प्रदेश में स्कूल,सरकारी दफ्तरों और मंत्रालय से लेकर संचालनालय तक सभी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा।
पहली बार छत्तीसगढ़ में एक साथ 145 संगठन मिलकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं, ऐसे में इस आदेश के बाद सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराहट बढ़ने के आसार हैं।
कर्मचारी संगठनों ने क्या कहा
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि चरणबद्ध आंदोलन से पहले हमने 23 जून को मुख्य सचिव कार्यालय में विधिवत सूचना, जिसकी पावती संयुक्त मोर्चा के पास है। इस तरह की कार्रवाई करने के बजाय सरकार को सरकारी कर्मचारी संगठनों से चर्चा कर समस्याओं और शिकायतों का समाधान करना चाहिए।
1 अगस्त से बेमियादी हड़ताल की चेतावनी
राज्य के कर्मचारियों की लंबे समय से मांग है कि केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए। राज्य सरकार ने 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया है, इसके बाद भी कर्मचारी केंद्र सरकार की तुलना में अभी भी 4 प्रतिशत पीछे हैं।
अब कर्मचारियों का आरोप है कि राज्य सरकार ना तो एरियर्स की राशि दे रही है और ना ही केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता दे रही है। हालांकि छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के डीए में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, तो यही उम्मीद थी कि कर्मचारी संगठन अपना हड़ताल स्थगित कर देंगे, लेकिन कर्मचारी संगठन नहीं माने।
डीए बढ़ाने के बाद राज्य सरकार को हर साल एक हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। इधर विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भर में संविदा और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भी अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभी के हड़ताल से कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। सरकारी कर्मचारियों ने 1 अगस्त से बेमियादी हड़ताल की चेतावनी दी है।