मुंबई : शिवसेना (UBT) के चीफ और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के देवेंद्र फडणवीस को लेकर दिए बयान पर खूब बवाल मच रहा है. उद्धव ठाकरे ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को कलंक बता दिया था, जिसके बाद से ही बीजेपी नेता उन पर लगातार हमलावर हैं. अब पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने इन तमाम हमलों का जवाब दिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि बीजेपी ने उन नेताओं को अपने साथ कर लिया, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं. उन्होंने फडणवीस से कहा कि अगर आपको कलंक कहलाना बुरा लगा तो उन परिवारों के बारे में सोचिए जिनके पीछे आपने ईडी और सीबीआई को लगाया.
अपने बयान पर उद्धव का जवाब
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, मैंने कुछ लोगों को कलंक कहा तो उस पर बवाल मच गया, तरह-तरह के रिएक्शन सामने आए. अगर उन्हें कलंक कहे जाने पर इतना बुरा लग रहा है तो कल्पना कीजिए कि जिनके पीछे आप ईडी और सीबीआई को भेजते हैं, उनके परिवारों का क्या हाल होता होगा. इस दौरान ठाकरे ने एनसीपी के विधायक हसन मुश्रीफ का जिक्र किया, जो अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं.
विधायकों पर छापेमारी का किया जिक्र
एनसीपी विधायक का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “एक वक्त ऐसा था जब एसीपी विधायक हसन मुश्रीफ के घर पर इतने छापे पड़ रहे थे कि उनकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और इसे जल्द बंद किया जाए. अब वही हसन मुश्रीफ महाराष्ट्र कैबिनेट में हैं. आप लोगों की जिंदगी और उनके परिवार को बदनाम करने का काम करते हैं, लेकिन अगर कोई आपको कलंक कहे तो आपको बुरा लगता है. ये अच्छा है कि मेरे बयान पर जवाब सामने आ रहे हैं, इससे साबित होता है कि उनमें कुछ तो समझदारी बाकी है.
दरअसल देवेंद्र फडणवीस के क्षेत्र नागपुर में शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा था, “बीजेपी नेता (फडणवीस) नागपुर पर एक ‘कलंक’ हैं, क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा किया.”
फडणवीस ने दिया था जवाब
उद्धव ठाकरे के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की सियासत में खूब बवाल हुआ, खुद देवेंद्र फडणवीस ने भी ने उन्हें जवाब देते हुए कहा, ‘‘विपक्षी नेता और पूर्व मित्र (ठाकरे) को वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम के प्रभाव का सामना करते हुए देखकर मुझे दुख होता है. मुझे लगता है कि उन्हें दिमाग के डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है. जो व्यक्ति अपनी वर्तमान मनोवैज्ञानिक स्थिति के कारण आरोप लगाता है, उस पर प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं है. उनकी वर्तमान मानसिक स्थिति ऐसी है कि हमें इसे समझने की कोशिश करनी चाहिए. वो जो कह रहे हैं उस पर प्रतिक्रिया न देना ही बेहतर है.’’