छत्तीसगढ़

चंद्रयान-3 से भारत को क्या होगा हासिल? लॉन्च के काउंटडाउन के बीच पूर्व इसरो साइंटिस्ट नंबी नारायणन ने बताया

नईदिल्ली : भारत के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ के लॉन्च के लिए 25.30 घंटे का काउंटडाउन गुरुवार (13 जुलाई) को श्रीहरिकोटा से शुरू हो गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यह जानकारी दी. 

चंद्रयान-3 के लॉन्च की पूर्व संध्या पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने कहा कि इसकी सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा और इससे देश में अंतरिक्ष विज्ञान के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी. इस मामले में अन्य देश अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ हैं. 

‘गेम चेंजर साबित होगा चंद्रयान-3’

नंबी नारायणन ने चंद्रयान-3 को एक संभावित गेम-चेंजर बताया जो पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का काम करेगा. उन्होंने कहा कि तीसरे चंद्र मिशन में उन समस्याओं से बचने की कोशिश की जा रही है जो चंद्रयान-2 के साथ हुई थीं. इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नारायणन ने कहा, ”चंद्रयान-3 निश्चित तौर पर भारत के लिए एक गेम चेंजर होगा और मुझे उम्मीद है कि यह सफल होगा. भारत पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बनेगा. आइए लॉन्च का इंतजार करें और बेस्ट (सबसे अच्छा होने) के लिए प्रार्थना करें.”

नंबी नारायणन बोले- एक एशियाई अंतरिक्ष एजेंसी की जरूरत 

नारायणन ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में अर्थव्यवस्था और विकास को बढ़ावा देने के अलावा, यह 600 अरब डॉलर के उद्योग में भारत की हिस्सेदारी में सुधार करेगा जोकि वर्तमान में 2 फीसदी है. नंबी नारायणन ने बड़े अंतरिक्ष अभियानों को शुरू करने के लिए चीन के साथ या उसके बिना, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की तरह एक एशियाई अंतरिक्ष एजेंसी (ASA) की स्थापना की जरूरत पर जोर दिया.

कितने बजे लॉन्च होगा चंद्रयान-3? 

चंद्रयान-3 को शुक्रवार (14 जुलाई) को दोपहर 2:35 बजे लॉन्च व्हीकल मार्क-3 रॉकेट के जरिये श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा. लॉन्च से एक दिन पहले इसरो के वैज्ञानिकों की एक टीम चंद्रयान-3 के एक लघु मॉडल को लेकर तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर का दौरा किया.

‘ज्यादा स्टार्टअप के प्रवेश की गुंजाइश भी बढ़ेगी’

इसरो के पूर्व वैज्ञानिक ने कहा कि चूंकि भारत अब प्रौद्योगिकी विकास में निजी भागीदारी को आमंत्रित कर रहा है, जिससे इस क्षेत्र में और अधिक स्टार्टअप के प्रवेश की गुंजाइश भी बढ़ेगी. नारायणन ने कहा, ‘‘कई खिलाड़ियों के लिए अपना काम शुरू करना बहुत मायने रखता है. उदाहरण के लिए मुझे लगता है कि कई स्टार्टअप आएंगे और यहां तक ​​कि हमारे पास जो स्टार्टअप हैं, उनके पास बेहतर फंडिंग होगी. कई दूसरे देश भी अपने स्टार्टअप के साथ यहां आ सकते हैं या किसी मौजूदा स्टार्टअप में शामिल हो सकते हैं.’’

क्यों है चंद्रयान-3 के सफल सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद?

नारायणन ने कहा कि सफल ‘चंद्रयान-3’ मिशन अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा बढ़ावा होगा. ‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा पर उतरने में कामयाब रहा था, लेकिन कुछ सॉफ्टवेयर और यांत्रिक समस्याओं के कारण ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में विफल रहा. नारायणन ने कहा कि अब अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने इसके हर पहलू पर चार साल तक काम किया है और उन्हें ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि किसी देश के आगे बढ़ने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित तकनीक आवश्यक है. नारायणन ने कहा कि इसरो अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियानों के लिए न्यूनतम राशि उपयोग करने के लिए जाना जाता है.

मिशन की सफलता के लिए करना होगा इतना इंतजार

पूर्व वैज्ञानिक ने कहा, ‘‘अन्य देशों की तुलना में, ऐसे अभियानों पर हमारा खर्च बहुत कम है.’’ नारायणन ने कहा, ‘‘मिशन की सफलता जानने के लिए हमें 23 या 24 अगस्त तक इंतजार करना होगा क्योंकि ‘लैंडिंग’ उन्हीं तारीखों पर होगी.’’

पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने किया ट्वीट

शुक्रवार को रवाना होने वाला ‘चंद्र मिशन’ वर्ष 2019 के ‘चंद्रयान-2’ का फॉलोअप मिशन है. भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है. इस बीच पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार रात ट्वीट किया, ”चांद पर जाने के लिए तैयार भारत, 14 जुलाई 2023, दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग होगी!”