जम्मू कश्मीर : आतंकियों ने शोपियां में मजदूरी करने वाले बिहार के तीन युवकों को गोली मार दी। इसमें तीनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके साथ अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा बढ़ा दी है। बालटाल और पहलगाम बेस कैंप में चप्पे-चप्पे पर नजर रखने को कहा गया है। कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों को सतर्क किया गया है।
शोपियां में गुरुवार शाम करीब नौ बजे हथियारबंद नकाबपोश आतंकी एसओजी कैंप के पास रहने वाले इरशाद हुसैन निवासी गागरोन के यहां घुस गए। उन्होंने वहां किराये में रहने वाले प्रवासी युवकों के बारे में जानकारी ली। इसके बाद तीनों के कमरे में घुसकर पर पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
अचानक हुई फायरिंग से इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों ने घटना की जानकारी सुरक्षाबलों को दी। इसके बाद बड़ी संख्या में पहुंचे पुलिस और अन्य ने घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। तीनों गंभीर रूप से घायल हैं। उनकी हालत को देखते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है।
घायलों की पहचान अनमोल कुमार पुत्र अमरदीप्र, हीरालाल यदु पुत्र दरसी यादव, पिंटू कुमार पुत्र सुशील कुमार जिला सोपोल बिहार के तौर पर हुई है। पहचान कर हमला करने के बाद पूरे घाटी में सुरक्षाबलों में अलर्ट कर दिया गया है। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
एनआईए ने आतंकी साजिश मामले में घाटी में पांच जगहों पर मारे छापे
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकी साजिश मामले में गुरुवार को पुलवामा और शोपियां जिलों में पांच स्थानों पर छापे मारे। जिन स्थानों पर कार्रवाई की गई वे आतंकी संगठनों की नवगठित शाखाओं और सहयोगियों से जुड़े हाइब्रिड आतंकवादियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के आवासीय परिसर थे। इसके साथ ही इनसे सहानुभूति रखने वालों के परिसरों को भी खंगाला गया।
एनआईए के एक अधिकारी के अनुसार, इन सभी कैडरों और कार्यकर्ताओं की जम्मू-कश्मीर में आतंक, हिंसा और तोड़फोड़ से संबंधित गतिविधियों की जांच की जा रही है। एनआईए को स्टिकी बम/मैग्नेटिक बम, आईईडी, फंड, मादक पदार्थ और हथियार/गोला-बारूद के संग्रह और वितरण में उनकी संलिप्तता का संदेह है। अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी साजिश के विवरण को उजागर करने के लिए एजेंसी द्वारा इनकी गहन जांच की जाएगी। इसकी जांच एनआईए ने 21 जून 2022 को मामला दर्ज करने के बाद शुरू की थी।
जांच किए जा रहे नए आतंकी संगठनों में द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (यूएलएफजेएंडके), मुजाहिदीन गजवात-उल-हिंद (एमजीएच), जम्मू एंड कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (जेकेएफएफ), कश्मीर टाइगर्स, पीएएएफ शामिल हैं। ये संगठन लश्कर-ए-ताइबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, अल-बद्र, अल-कायदा जैसे पाकिस्तान समर्थित संगठनों से संबद्ध हैं। जांच से पता चला है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन आतंक को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग कर रहे थे। उनके द्वारा कश्मीर घाटी में अपने गुर्गों और कैडरों को हथियार/गोला-बारूद, विस्फोटक, नशीले पदार्थ आदि पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा था।
स्टिकी बम और छोटे हथियारों से हमले की रच रहे थे साजिश
अधिकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर में स्टिकी बम, आईईडी और छोटे हथियारों आदि के साथ हिंसक आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए भौतिक और साइबर दोनों क्षेत्रों में प्रतिबंधित संगठनों द्वारा साजिश रचने से संबंधित है। उन्होंने बताया कि संगठन जम्मू-कश्मीर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर आतंक और हिंसा के कार्य की साजिश को अंजाम दे रहे हैं।