नईदिल्ली : दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने CBI और ED को नोटिस जारी किया है. मामले में 28 जुलाई को सुनवाई होगी. सिसोदिया शराब घोटाला मामले में लगभग 5 महीना पहले गिरफ्तार हुए थे. हाई कोर्ट उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुका है.
हाई कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी नेता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. 10 जुलाई को वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने यह मामला रखा था और तत्काल सुनवाई की मांग की थी, जिसे सीजेआई ने स्वीकार कर लिया था. सिंघवी ने कोर्ट को बताया था कि हाई कोर्ट जमानत याचिका खारिज कर चुका है. सिसोदिया की पत्नी गंभीर रूप से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं.
हाई कोर्ट से दो बार जमानत खारिज
जमानत को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट से मनीष सिसोदिया को दो बार झटका लग चुका है. 30 मई को हाई कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि सिसोदिया उच्च पद पर थे. ऐसे में वे यह नहीं कह सकते कि आबकारी नीति मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है. इसके पहले तीन जुलाई को आबकारी नीति से ही जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हाई कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.
आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं सिसोदिया
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दिल्ली में आबकारी नीति में कथित अनियमितता को लेकर जांच कर रहा है. ये मामला मनीष सिसोदिया के उपमुख्यमंत्री कार्यकाल का है. उस दौरान सिसोदिया के पास आबकारी विभाग का भी जिम्मा था. सीबीआई ने आबकारी घोटाले में कथित भूमिका के लिए उन्हें आरोपी बनाया था. इसी साल 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था, तब से वे जेल में हैं.