नईदिल्ली : आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन से शुक्रवार (14 जुलाई) को चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया. इसरो के अनुसार, 23 अगस्त की शाम चंद्रयान के चांद की सतह पर लैंड करने की संभावना है. अब विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने बताया कि कैसे इसे सतह पर उतरने के लिए पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा.
एस उन्नीकृष्णन नायर ने कहा, “शनिवार (15 जुलाई) से ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स को फायर किया जाएगा और चंद्रयान 3 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए पृथ्वी से दूर चला जाएगा. वाहन प्रणालियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. अंतरिक्ष यान को जो भी प्रारंभिक स्थितियां चाहिए थीं, हमारी तरफ से सब दिया गया और प्रयोग का पहला चरण 100 प्रतिशत सफल रहा है. “
सॉफ्ट लैंडिंग कर भारत इन देशों के क्लब में होगा शामिल
वहीं, चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च होने पर इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि सब ठीक रहेगा तो इसकी सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त की शाम पांच बजकर 47 मिनट पर होगी. सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश सफल होने पर भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा.
चंद्रयान-3 लॉन्च होने के कुछ ही देर बाद रॉकेट एलवीएम3-एम4 से सफलतापूर्वक अलग हो गया था. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया था कि ‘चंद्रयान-3’ ने चंद्रमा की तरफ अपनी यात्रा शुरू कर दी है. भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है.