नईदिल्ली : : महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के मामले में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी न होने पर शिवसेना (यूबीटी) ने दिल्ली पुलिस पर कटाक्ष किया. शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शनिवार (15 जुलाई) को कहा कि दिल्ली पुलिस यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के बावजूद डब्ल्यूएफआई (WFI) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार नहीं कर सकी.
उन्होंने ट्वीट किया कि दिल्ली पुलिस की ओर से चार्जशीट में बहुत कुछ लिखा गया है, फिर भी उसी पुलिस ने तब तक एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया जब तक कि सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया था. अभी तक पुलिस ने एफआईआर और अभद्र व्यवहार के बावजूद उन्हें गिरफ्तार करना उचित नहीं समझा. बृजभूषण सिंह को कोई पछतावा नहीं है और वे अब भी अपना रौब दिखा रहे हैं.
दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में क्या कहा?
दिल्ली पुलिस ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि जांच के आधार पर बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है. बीजेपी सांसद के खिलाफ कुल 21 गवाहों ने अपने बयान दिए हैं. उनमें से छह ने सीआरपीसी 164 के तहत अपने बयान दिए हैं.
कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह को भेजा समन
पिछले हफ्ते दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने महिला एथलीटों के यौन उत्पीड़न के आरोप में 15 जून को दिल्ली पुलिस की ओर से दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद बीजेपी सांसद को समन जारी किया था. साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट सहित देश के नामी पहलवानों ने बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर 38 दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था.
पहलवानों ने धरना किया था स्थगित
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद पहलवानों ने अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया था. अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में आरोपपत्र 15 जून तक दाखिल कर दिया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे. एक केस छह महिला पहलवानों की ओर से और दूसरा एक नाबालिग महिला पहलवान की तरफ से था. जिसने बाद में अपना बयान बदल दिया था.