नई दिल्ली। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने आयकर दाताओं से जल्द से जल्द अपना रिटर्न दाखिल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय 31 जुलाई की समय सीमा को बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “हमें आशा है कि फाइलिंग पिछले साल से ज्यादा होगी…हमें उम्मीद है कि यह पिछले साल से ज्यादा होनी चाहिए।”
पिछले साल 31 जुलाई तक लगभग 5.83 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे, जो आकलन वर्ष 2022-23 के लिए रिटर्न दाखिल करने का आखिरी दिन था। मल्होत्रा ने कहा कि हम आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को धन्यवाद देना चाहते हैं क्योंकि आईटीआर दाखिल करने की गति पिछले साल की तुलना में बहुत तेज है और हम उन्हें सलाह देंगे कि वे आखिरी क्षण तक इंतजार न करें और समय सीमा में किसी भी विस्तार की उम्मीद न करें। इसलिए, मैं उन्हें जल्द से जल्द अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करने की सलाह दूंगा क्योंकि 31 जुलाई की समय सीमा तेजी से नजदीक आ रही है।
कर संग्रहण लक्ष्य के संबंध में मल्होत्रा ने कहा, यह लक्ष्य कमोबेश वृद्धि दर के अनुरूप है, जो 10.5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, जहां तक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वृद्धि दर का सवाल है, तो यह अब तक 12 प्रतिशत है।
हालांकि, दर में कटौती के कारण उत्पाद शुल्क के मोर्चे पर विकास दर 12 प्रतिशत से कम है। उन्होंने कहा, फिलहाल यह काफी नकारात्मक है। उम्मीद है कि आगे चलकर कर दरों में कमी का असर खत्म होने के बाद हम उत्पाद शुल्क के संग्रह में कुछ वृद्धि देखेंगे। कुल मिलाकर हमें लगता है कि अभी शुरुआती दिन हैं… हम लक्ष्य हासिल करने में सक्षम होंगे।
बजट 2023-24 के अनुसार, सरकार को चालू वित्त वर्ष में 33.61 लाख करोड़ रुपये की सकल कर (Gross Tax) प्राप्ति की उम्मीद है। इसमें से सरकार का लक्ष्य 18.23 लाख करोड़ रुपये जुटाने का है।बजट दस्तावेजों के अनुसार, यह कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत आयकर से एकत्र की गई राशि से 10.5 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2023 के संशोधित अनुमान में सीमा शुल्क से संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये से 11 प्रतिशत बढ़कर 2.33 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
अगले वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह 12 प्रतिशत बढ़कर 9.56 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों करों को मिलाकर, सकल कर संग्रह 2023-24 में 10.45 प्रतिशत बढ़कर 33.61 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 30.43 लाख करोड़ रुपये था।