इंदौर : देवास के समीप नेमावर के थाना प्रभारी राजाराम वास्कले की नदी जामनेर नदी में ड्यूटी के दौरान डूबने से मौत हो गई। नदी से लाश को निकालने के लिए टीआई खुद नदी में कूद गए, लेकिन वे स्टाॅप डेम में फंस गए। वास्कले तैराकी जानते थे।
वास्कले को ग्रामीणों ने जामनेर नदी के स्टाॅप डेम में एक लाश होने की सूचना दी थी। इसके बाद वे मौके पर पहुंचे और खुद लाश को निकालने के लिए नदी में कूद गए। वे नदी में फंस गए और बाहर नहीं निकल पाए। यदि वे पहले से रस्सी या अन्य सुरक्षा के इंतजाम के साथ नदी में जाते तो उनकी जान बच सकती थी, लेकिन उन्हें तैरना आता था, इसलिए वे बगैर सुरक्षा इंतजाम के ही नदी में शव निकालने के लिए कूद गए।
स्टाॅप डेम पर नदी का बहाव तेज था। वे बहाव में फंस गए। मौके पर मौजूद जवानों और ग्रामीणों नेे उन्हें रस्सी की मदद से बाहर निकाला और अस्पताल ले गए, लेकिन देर तक डूबने की वजह से उनकेे फेफड़ों में पानी भर गया था।
हरदा अस्पताल के डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। टीआई वास्कले अच्छे अधिकारी थे। उन्हें पुलिस विभाग की तरफ से कई पुरस्कार भी मिल चुके है। परिवार में माता-पिता पत्नी और एक बेटा है। वास्कले उज्जैन और देवास जिले के उदयनगर मेें भी पदस्थ थे और उनके कार्यशैली के कारण वरिष्ठ अधिकारी भी उन्हें पसंद करते थे। वास्कले मूल रुप से बड़वानी जिले के निवासी है। उनकी मौत की खबर गांव पहुंची तो मातम छा गया।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जताया दुख
देवास जिले के नेमावर थाने में पदस्थ टीआई श्री राजाराम वास्कले के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। आदिवासी समाज के वीर सपूत श्री वास्कले जामनेर नदी पर बने स्टॉप डैम में एक शव निकालने के लिए पानी में कूद गए थे। उनके निधन से पुलिस विभाग ने एक बहादुर अधिकारी खो दिया है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि दिवंगत पुलिस अधिकारी के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तत्काल दी जाए। ओम शांति